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  • भाजपा ने फिर चौंकाया, पहली बार के विधायक भूपेन्द्र पटेल को सौंपी गुजरात की कमान

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    भाजपा ने फिर चौंकाया, पहली बार के विधायक भूपेन्द्र पटेल को सौंपी गुजरात की कमान

    -नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया ऐलान, धरे रह गये धुरंधरों के नाम, पाटीदार समाज को दिया गया नेतृत्व

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गांधीनगर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-
    विजय रुपाणी के इस्तीफे के 24 घंटे में ही गुजरात के नए मुख्यमंत्री पर फैसला हो गया है। बीजेपी ने एक बार फिर चौंकाते हुए भूपेंद्र रजनीकांत पटेल को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुना है। भूपेन्द्र पटेल पहली बार विधायक बने और मुख्यमंत्री की रेस में नाम न होते हुए भी विधायक दल की बैठक में पार्टी पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने उनके नाम का ऐलान किया। हालांकि सीएम बनने की रेस में कई वरिष्ठ व धुरंधर नेताओं के नाम सामने आ रहे थे लेकिन भाजपा ने एक बार फिर चौंकाते हुए एक नये चेहरे को गुजरात का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की ओर से राज्यपाल को शाम छह बजे भूपेंद्र पटेल के विधायक दल का नेता चुने जाने से संबंधित पत्र सौंपा जाएगा।
                       नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रुपाणी ने ही विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र भाई पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा। डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने इसका समर्थन किया। इसके बाद विधायक दल ने पटेल के नाम को मंजूरी दे दी। भूपेंद्र भाई जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, इसके लिए आज शाम को ही वह राज्यपाल से मुलाकात करेंगे हालांकि उन्होंने शपथ ग्रहण का दिन नहीं बताया है।
                      केवल 12वीं पास भूपेंद्र पटेल कडवा पाटीदार समाज के नेता हैं। वे राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन के करीबी माने जाते हैं। पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद जिले की घाटलोडिया सीट से रिकॉर्ड 1.17 लाख वोट से जीत दर्ज की थी। गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल ने 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद उनके कहने पर ही घाटलोडिया सीट से भूपेंद्र पटेल को टिकट दिया गया था। चुनाव में उन्होंने 69 लाख 55 हजार 707 रुपए की संपत्ति का हलफनामा दिया था। वे अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष और अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रहे हैं।
                       शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रुपाणी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी भाजपा विधायक दल की बैठक में मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक विजय रुपाणी गुजरात के लिए कभी भी स्थाई सीएम थे ही नहीं। उनका जाना तो तय था, बस तारीख तय नहीं थी। तारीख पर मुहर संघ प्रमुख के हाल ही में हुए गुप्त दौरे में मिले फीडबैक के बाद लगा दी गई। हालांकि उन्हें 2022 की जनवरी या फरवरी में इस्तीफा देना था, लेकिन भागवत के गुप्त दौरे ने रुपाणी के सीएम पद की उम्र थोड़ी कम कर दी।
                       गुजरात का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद भूपेंद्र पटेल ने पार्टी नेतृत्व और राज्य के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।
    भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने के एलान के बाद विजय रूपाणी ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया के समक्ष संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश उन्नति कर रहा है। ऐसे में अब मुझे आशा है कि भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात भी आगे बढ़ेगा और उन्नति करेगा। मेरी ओर से बहुत.बहुत बधाई। वहीं इसके बाद मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए रूपाणी ने कहा कि भूपेंद्र भाई सक्षम हैं और हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले चुनावों में उनके नेतृत्व में पार्टी जीत हासिल करेगी।
                              भाजपा के जिन पांच मुख्यमंत्रियों को बदला गया है। उनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल सबसे छोटा रहा। उन्होंने 10 मार्च को पदभार ग्रहण किया और 2 जुलाई को इस्तीफा दे दिया। वे तीन महीने भी कुर्सी पर नहीं रह सके। तीरथ गढ़वाल से लोकसभा सांसद थे। दावा यह भी किया गया कि उत्तराखंड में एक साल बाद चुनाव होने थे। इस वजह से चुनाव आयोग किसी भी विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं करवाने वाला था। अगर तीरथ मुख्यमंत्री बने रहते तो उनके लिए विधानसभा सदस्य बन पाना मुश्किल हो सकता था। कानूनन उन्हें 10 सितंबर तक किसी भी स्थिति में विधानसभा का सदस्य होना आवश्यक था। तीरथ के बाद पुष्कर सिंह धामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। तीरथ अब भी लोकसभा सदस्य हैं।

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