
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/उत्तरप्रदेश/नई दिल्ली/मनोजीत सिंह/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-वित्तीय संकट और विवादों से घिरे आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, वह दोपहर 1.30 बजे से आनंद अस्पताल में भर्ती थे और करीब 4.30 बजे के आसपास उनकी मौत हुई है।
आनंद अस्पताल के मैनेजर मनीष पंडित ने इसकी पुष्टि की है हालांकि उन्होंने आत्महत्या से इनकार किया है और कहा है कि पोस्टमार्टम भी नहीं कराया जाएगा। उधर सूचना यह है कि हरिओम आनंद ने आत्महत्या की है उन्होंने अस्पताल में ही जहर खा लिया था हालांकि इस बात की पुष्टि अभी नहीं हुई है। इससे पहले वर्ष 2019 में भी उन्होंने शास्त्री नगर स्थित अपनी कोठी की छत से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आनंद अस्पताल के निदेशक हरिओम आनंद लंबे समय से तनाव में चल रहे थे। लगभग 2 साल से अस्पताल की सेहत लगातार लड़खड़ाए हुए थी। कर्ज से बाहर निकलने की तमाम कोशिशों में वह नाकाम रहे और घाटे में चले गए इस बीच उन्होंने दो बार अपने अस्पताल को दिल्ली के दो बड़े खरीदारों के हाथों बेचने का भी प्रयास किया था किंतु बात नहीं बनी । सूत्रों की माने तो उनके अस्पताल पर 300 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया था जिसके बाद अस्पताल का ज्यादातर शेयर डॉक्टर और दवा कारोबारियों ने खरीद लिया था। अस्पताल से जुड़े डॉक्टरों के मुताबिक तो नोटबंदी के बाद आनंद अस्पताल की आर्थिक कमर टूट गई थी बताया जाता है कि अस्पताल के प्रबंधन ने 30 फीसदी से ज्यादा ब्याज पर उधार लिया और पैसों को फार्म हाउस और जमीनों की खरीद भवन निर्माण शेयर बाजार में लगा दिया। अस्पताल पर 352 करोड़ का कर्ज हो गया जिसमें बैंक का शेयर 15 करोड़ के आसपास है बाकी पैसा निजी निवेश को से भारी भरकम ब्याज पर उठाया गया बताया जा रहा है।
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