
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन का उद्घाटन वैदिक विधि विधान और सर्व धर्म प्रार्थना के साथ किया। पीएम मोदी ने ’सेंगोल’ भी स्थापित किया। इस दौरान पीएम के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद थे। हांलाकि राष्ट्रपति दौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति की गैरमौजूदगी विपक्ष दलों को पहले से ही खल रही थी।

बता दें कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। वहीं भाजपा के साथ ही बीजू जनता दल, तेलुगुदेशम, बसपा और वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों ने इस समारोह में भाग लिया।

विशेष स्मारक डाक टिकट, 75 रुपये का सिक्का जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का जारी किया। उन्होंने नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में आयोजित उद्घाटन समारोह में सिक्का और डाक टिकट जारी किया। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सिक्के का वजन 34.65 ग्राम से 35.35 ग्राम के बीच होगा। अधिसूचना में कहा गया कि सिक्के के एक तरफ बीच में अशोक स्तंभ की छवि होगी, जिसके एक ओर देवनागरी लिपि में ‘भारत’ जबकि दूसरी ओर अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा होगा।

नया भवन राष्ट्र के सामर्थ्य को नयी शक्ति प्रदान करेगाः प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को संसद के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद विश्वास जताया कि यह भव्य इमारत जन-जन के सशक्तीकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति एवं शक्ति प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य और भव्य इमारत जन-जन के सशक्तीकरण के साथ ही, राष्ट्र की समृद्धि और सामर्थ्य को नई गति और शक्ति प्रदान करेगी।’’

प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ने दी सावरकर को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने वी. डी. सावरकर को उनकी जयंती पर पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय कक्ष में सावरकर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। सावरकर को श्रद्धांजलि देने के लिए कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय कक्ष पहुंचे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘ अपने विचारों से असंख्य भारतीयों के हृदय में देशभक्ति का दीप प्रज्वलित करने वाले उत्कृष्ट राष्ट्रभक्त वीर सावरकर जी की जयंती पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन। वीर सावरकर जी की देशभक्ति, त्याग व समर्पण वंदनीय है और युगों-युगों तक देशवासियों को प्रेरणा देने का काम करता रहेगा।’’ सावरकर का जन्म 1883 में महाराष्ट्र में हुआ था। उन्हें हिंदुत्व विचारधाराओं वाले दल और संगठन एक नायक मानते हैं।

इस बीच विपक्ष नेताओं के हमले भी भाजपा और पीएम मोदी पर तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने अपने ट्वीट में लिखा है, ’आज इन्हें पता चल गया, विपक्ष नहीं रहेगा तो ये अकेले दिखेंगे। जिस नीति आयोग को टीम इंडिया कहते थे, आज वहाँ आधे खिलाड़ी इन्हें कप्तान नहीं मान रहे। बाजपेयी जी ने कहा था – राजधर्म का पालन कीजिए।“

राष्ट्रपति मुर्मू को ‘नहीं बुलाए जाने’ से नाराज राकांपा, शिवसेना (यूटीबी)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि यह दुखद है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नहीं कराया गया। शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन करना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नयी दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्थापित किया।

कई विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया और जोर देकर कहा कि राज्य के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को यह सम्मान दिया जाना चाहिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे देश में लोकतंत्र है, राजशाही नहीं। हमारी राष्ट्रपति, हमारे देश की संवैधानिक प्रमुख को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करता देख दुख हुआ।”

शिवसेना (यूटीबी) के नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र ’सामना’ में लिखे संपादकीय ‘रोखठोक’ में दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने लिखा कि जिस तरह से संसद को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की जा रही है यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। राउत ने लिखा, “भारत की राष्ट्रपति को समारोह के लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया, यही वजह है कि 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया।”

राज्यसभा सदस्य राउत ने यह भी कहा कि नए संसद भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि मौजूदा भवन अच्छी स्थिति में है। उन्होंने मराठी दैनिक समाचार पत्र में लिखा, “इतिहास याद रखेगा कि एक नए संसद भवन के लिए बेवजह 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और भारत के राष्ट्रपति को भी आमंत्रित नहीं किया गया था।”

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