नजफगढ़ मेट्रो न्यूज़ /नई दिल्ली / मानसी शर्मा – सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बेरियम का उपयोग करके पटाखों के निर्माण और उपयोग की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। फिलहाल शहर में ग्रीन पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी। अदालत ने दिवाली से पहले राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
आपको बता दें कि, अदालत ने कहा कि 2018 के प्रतिबंध को सभी अधिकारियों द्वारा विधिवत लागू किया जाएगा। पिछले हफ्ते जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने मामले की विस्तार से सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
“हम केवल हैप्पी दिवाली ही कह सकते हैं”
शुक्रवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत से मामले को जल्द सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, जिस पर पीठ ने जवाब दिया, “हम केवल हैप्पी दिवाली ही कह सकते हैं।” अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दिल्ली- NCR को छोड़कर देश भर में बाकी जगहों पर ग्रीन पटाखों के उपयोग की इजाजत होगी। हर तरह के पटाखों में बेरियम के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। पटाखों में लड़ियों, रॉकेट आदि पटाखों पर बैन बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश भर की एजेंसियां इस आदेशों का पालन करें।
दिल्ली में हर चीज पर प्रतिबंध है चाहे वह ग्रीन हो या अन्य
इनमें से एक याचिका बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने 2022 में दिल्ली में दिवाली के दौरान पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देते हुए दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या वे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) से बेहतर काम कर सकते हैं और यह भी कहा कि किसी को प्राथमिक संस्थानों पर भरोसा करना होगा।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि यह सही है कि सरकार के प्रस्ताव पर बेरियम पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन यह 2018 की दिवाली के लिए था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि अभी दिल्ली में हर चीज पर प्रतिबंध है चाहे वह ग्रीन हो या अन्य।
भाटी ने अदालत को यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस ने 2016 के बाद से पटाखों पर कोई स्थायी लाइसेंस जारी नहीं किया है। सभी स्थायी आतिशबाजी निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और पुलिस लाइसेंसधारियों के सभी परिसरों का निरीक्षण करेगी। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि सिर्फ पटाखे चलाने वालों को सजा देना पर्याप्त नहीं है और अधिकारियों को इन पटाखों के स्रोत तक जाना होगा। गौरतलब है कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पटाखों के उपयोग पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है और केवल वे पटाखे प्रतिबंधित हैं, जिनमें बेरियम होता है।


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