नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए दिल्ली पुलिस पुरी तरह से सजग हो गई है। दिल्ली पुलिस ने अपने कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के लिए कहा है। इसके साथ ही इंस्पेक्टर-रैंक के अधिकारियों की अध्यक्षता में कोरोना स्वास्थ्य निगरानी कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ने कहा, ’हमने अपने कर्मचारियों को मास्क पहनने, स्वच्छता बनाए रखने, छूने वाली वस्तुओं को कम करने और नियमित रूप से सैनिटाइजर का उपयोग करने के लिए कहा है। पुलिस थानों की खिड़कियां वेंटिलेशन के लिए खुली रखी जा रही हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि पुलिस थानों में भीड़ न हो। दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, उसके 95 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को टीका लगाया गया है। कुल 77,809 सदस्यों में से 74,289 को 2 दिसंबर तक टीका लगाया गया है, जबकि 1,636 को स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण चिकित्सकीय रूप से छूट दी गई है।
बीते दो दिसंबर को जारी आदेश के मुताबिक, स्पेशल सीपी (वेलफेयर) शालिनी सिंह ने सभी 15 जिलों की पुलिस और अन्य इकाइयों को अपने संबंधित कोरोना नोडल अधिकारियों के माध्यम से कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संबंधिक किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया। निर्देश में पुलिस बल को कोरोना देखभाल केंद्रों की तैयारी, ऑक्सीजन सिलेंडर और कॉन्सेंट्रेटर, जीवन रक्षक दवाओं, अस्पताल के बिस्तर, एम्बुलेंस, सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, पीपीई किट और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
आदेश के मुताबिक, डीसीपी को कुछ पुलिस कर्मियों को टीकाकरण से दी गई चिकित्सा छूट की समीक्षा करने और डॉक्टरों से परामर्श करने के बाद टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने का काम सौंपा गया है। पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों को उचित चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए डीसीपी नोडल अधिकारी होने चाहिए और निरीक्षक या उससे ऊपर के स्तर का एक अधिकारी अस्पताल में भर्ती पुलिस कर्मियों का दौरा करेगा और आवश्यक सहायता सुनिश्चित करेगा।
विभाग ने निर्देश दिया कि अस्पतालों के नोडल अधिकारी और डीसीपी, जो पुलिस के नोडल अधिकारी हैं, विभाग की आधिकारिक ई-मेल आईडी पर सभी संपर्क जानकारी तुरंत साझा करें। इसके अलावा, डीसीपी को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि पुलिस कर्मियों के अस्पताल में भर्ती होने का डेटा हर दिन सुबह 8 बजे तक विभाग को ई-मेल कर दिया जाए। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया है। तंजानिया से आए एक युवक में मामले की पुष्टि हुई है। कुल मिलाकर भारत में ओमिक्रॉन का यह पांचवां केस है।
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