सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर टेलीकाॅम कंपनियों को दी बड़ी राहत

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
February 19, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर टेलीकाॅम कंपनियों को दी बड़ी राहत

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए कुछ शर्तों के साथ 10 साल का समय दिया है। इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को खासा राहत मिलेगी।
एससी पीठ ने इसके साथ ही मंगलवार को दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का 10 प्रतिशत बकाया 31 मार्च, 2021 तक चुकाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने एजीआर के बकाये की जो मांग की है और उच्चतम न्यायालय ने इसपर जो निर्णय दिया है, वह अंतिम है।
पीठ ने दूरसंचार कंपनियों के प्रबंध निदेशकों या मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिया है कि वे बकाया के भुगतान के बारे में चार सप्ताह में वचन या व्यक्तिगत गारंटी दें। कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को आगाह करते हुए कहा है कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में उनपर जुर्माना, ब्याज लगेगा। यह अदालत की अवमानना भी होगी।
एससी ने कहा कि दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही दूरसंचार कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम की बिक्री के मुद्दे पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) फैसला करेगा। न्यायालय ने यह निर्णय 1.6 लाख करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान की समयसीमा सहित अन्य मुद्दों पर सुनाया है।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस फैसले को तीन आधार पर किया जाएगा। पहला, टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में भुगतान करने की मोहलत देनी चाहिए या नहीं। दूसरा, जो कंपनियां इंसाल्वेंसी प्रक्रिया का सामना कर रही हैं, उनके बकाये को किस तरह वसूला जाए। तीसरा, क्या ऐसी कंपनियों का अपने स्पेक्ट्रम को बेचना वैध है। वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए कोर्ट से 15 साल समय देने की मांग की थी। अभी तक 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि कुल बकाया राशि 1.69 लाख करोड़ रुपये है।

क्या है एजीआर ?
दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का तीन फीसदी स्पेक्ट्रम फीस और आठ फीसदी लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एजीआर की गणना दूरसंचार ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर करती थीं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे गैर प्रमुख स्रोतों से हासिल राजस्व को छोड़कर बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। जबकि दूरसंचार विभाग किराये, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और कबाड़ की बिक्री से प्राप्त रकम को भी एजीआर में मानता है। इसी आधार पर वह कंपनियों से बकाया शुल्क की मांग कर रहा है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox