लाॅक डाउन को पूरी तरह से उठाने के पक्ष में नही दिखे राज्य

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
January 24, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

लाॅक डाउन को पूरी तरह से उठाने के पक्ष में नही दिखे राज्य

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि एक व्यापक राष्ट्रीय ढांचे के तहत 17 मई के बाद प्रतिबंधों और छूट के निर्धारण में राज्यों की अधिक संभावना होगी। यह रेखांकित करते हुए कि भारत को दो चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है-कोरोना वायरस रोग की प्रसारण दर में कमी और सार्वजनिक गतिविधि को धीरे-धीरे शुरू करना है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वैक्सीन के मिल जाने तक सामाजिक दूरी विषाणु के विरुद्ध सबसे बड़ा हथियार बना रहेगा और सुझाव दिया कि लॉकडाउन को पूरी तरह से नहीं उठाया जा सकता। राज्यों ने भी बैठक में कुछ इसी तरह के विचार रखने के साथ-साथ केंद्र सरकार से राज्यों को मदद देने की अपील की।
                                       बैठक में अपने मंत्रियों के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पांचवी बातचीत को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में इस बीमारी के प्रसार की अच्छी समझ है। राज्यों से लॉकडाउन के अगले चरण के लिए सड़क मानचित्र तैयार करने के लिए विशेष भौगोलिक क्षेत्रों की सावधानीपूर्वक जांच करने का आग्रह किया गया है। आर्थिक गतिविधि को पुनरारंभ करने में हरे क्षेत्रों के महत्व पर प्रकाश डालकर रेखांकित किया कि रेल यात्रा की पूरी बहाली संभव नहीं होगी उन्होने बताया कि भारत को शिक्षा देने में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा। यह मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि यह विश्वयुद्व किस तरह बदल जाएगा और जीवन का नया सिद्धांत जान से लेकर जोग तक यानी (एक व्यक्ति से सारी मानवता) होगा।
                                       यहां पर वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों की पृष्ठभूमि में मोदी ने जोर दिया कि इससे राज्यों के दो सिरों पर चुनौतियां पैदा होंगी-जहां से प्रवासियों को छोड़ना होगा वहां श्रम की कमी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोग के प्रसार को रोकने के साथ-साथ उनके गृह राज्यों को आर्थिक रूप से अनुकूल बनाना होगा। घंटे से भी पहले सभी मुख्यमंत्रियों को तालाबंदी के विस्तार के बारे में बोलने का अवसर मिल गया (विचार सी. एम. एस. में विभाजित था लेकिन बहुमत का विचार अन्य जगहों पर इसको लगाम लगाने के क्षेत्रों में लगा रहा था)। प्रवासी कामगारों का मुद्दा (सबसे प्रमुख चिंता यह थी कि लौटने वाले श्रमिकों को बीमारी फैलाने की संभावना थी। यह निर्णय लेने के मामले में राज्यों के अधिकार (अधिकतर राज्यों ने लाल, नारंगी और हरे रंग के क्षेत्रों को घोषित करने में अधिक स्वायत्तता प्राप्त की), गाड़ी की सेवाओं को फिर से शुरू करना (कई सेमी से यह कदम मूर्खतापूर्ण लगा)।और वित्तीय सहायता राज्यों अब महामारी के खिलाफ लड़ाई में की जरूरत है केंद्र की सबसे सख्त आलोचना बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने की। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस बैठक में कहा कि बीमारी पर नजर रखने के लिए आहार में अरुण सेतु के महत्व पर जोर दिया जाए।
                               एक सरकारी बयान के अनुसार उनके स्वागत-योग्य वक्तव्य में मोदी ने कहा कि खराब-से-खराब क्षेत्रों सहित भारत में महामारी फैलने की भौगोलिक स्थिति का साफ-साफ पता चल गया है। इसके अलावा, पिछले कुछ हफ्तों में अधिकारियों ने इसे जिला स्तर तक, संचालन प्रक्रियाओं के बारे में भी समझा है।ष्उन्होंने कहा, इस समझ से देश को एक केंद्रित रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। मोदी ने, उपर्युक्त बैठक के एक प्रतिभागी के अनुसार, कहा कि केंद्र राज्यों के साथ विचार-विमर्श के आधार पर भविष्य की रणनीति तय करेगा और राज्यों को इस लड़ाई का नेतृत्व करना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें यह निर्णय करना होगा कि नई प्रणालियों को किस स्थान पर लाना है। परंतु इस बात को ध्यान में रखते हुए कि वैक्सीन मिलने तक हमारे पास सबसे बड़ा हथियार तालाबंदी ही है।
                                  उन्होंने सीएमएस से कहा कि वे टीमों के पास बैठ जायें और तब निर्णय करें कि वे 15 मई तक किन क्षेत्रों को लॉकडाउन में रखना चाहते हैं,।इसके आधार पर एक नक्शा बनाएं और इसके पीछे तर्क प्रदान करेंयऔर 17 मई के बाद केंद्र तदनुसार कार्य करेगा।हर चरण की जरूरतों में बदलाव आ रहा है, इसलिए धीरे-धीरे बदलाव होने जा रहे हैं।आपके सुझाव में,ष्प्रधानमंत्री ने सीएमएस से कहा कि नर्टिनेंट आहत हो गये के अनुसार सामंजस्य स्थापित करे। सीएमएस में केंद्र की जबरदस्त आलोचना ममता बनर्जी की ओर से हे जिन्होंने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। बैठक में भाग लेने वाले दूसरे भागीदार के अनुसार बनर्जी ने कहा, हम राज्य के तौर पर इस वायरस का प्रतिकार करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केंद्र को इस महत्वपूर्ण समय में राजनीति नहीं खेलनी चाहिए। सभी राज्यों को समान महत्व दिया जाना चाहिए। वे कागजों को लहराती रहीं और यह दावा करती रही कि हर आधे घंटे बाद केंद्र का पत्र दिशा-निर्देश देता हुआ आता था और दूसरे दिन केंद्रीय टीम आती थी, हम उन टीमों के पीछे चलने के अलावा कोई काम नहीं है?
                            वहीं दिल्ली ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 3 मई को मांग के आधार पर कहा कि लॉकडाउन को रोकथाम के क्षेत्रों में जारी रखना चाहिए लेकिन उन्हें कहीं और ले जाना चाहिए। राजस्थान भी चाहता था कि रोकथाम के क्षेत्रों में ही तालाबंदी हो और उसे राज्य पर छोड़ दिया जाए। एमपी ने संक्रमित क्षेत्रों में तालाबंदी और अन्य क्षेत्रों में छूट के सख्त अनुपालन की मांग की।कर्नाटक ने लॉकडाउन को नियंत्रण क्षेत्रों, अंतरराष्ट्रीय या घरेलू हवाई यात्रा में सख्ती से लागू करना चाहते थे लेकिन उन्होंने रोकथाम क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बहाल करना चाहा। पंजाब और हरियाणा दोनों ने कहा कि राज्यों को लाल, नारंगी और हरे रंग के क्षेत्रों और कन्टेनमेंट क्षेत्रों के बारे में निर्णय लेने की अनुमति दी जाए। महाराष्ट्र ने इस तालाबंदी को ऊपर उठाने से भी सावधानी बरती, जिसके कारण मई के अंत तक मामले बढ़ने की संभावना है। किंतु तालाबंदी के अलावा राज्यों ने अन्य विषयों पर भी अपने विचार व्यक्त किये। बिहार और उत्तर प्रदेश ने घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिकों और स्वास्थ्य तथा आर्थिक मोर्चे पर उत्पन्न चुनौतियों के बारे में चिंता व्यक्त की, जबकि महाराष्ट्र और हरियाणा ने प्रवासी मजदूरों से आग्रह किया कि वे वापस न जायें। ओडिशा, छत्तिसगढ़, तेलंगाना और बिहार ने पुनरुत्थान के बारे में आशंका व्यक्त की। इसी प्रकार केरल के सेमी पिनारायई विजयन ने भी चेतावनी दी। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि राज्य और उसके परामर्श के बिना गाड़ियों का संचालन किया गया तो समुदाय का प्रसार होने की संभावना बढ़ जायेगी और इससे वायरस के फैलने का आंकड़ा भी बढ़ जायेगा। जिसपर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 18 मई तक राज्य अपना पूर्ण बयौरा दर्ज करा दें। साथ ही देश में लाॅक डाउन को पूर्ण रूप से न हटाने पर भी अपनी सहमति दी।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox