नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मुंबई/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कमजोर होती कांग्रेस पार्टी का उसके नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन पर भी पकड़ कमजोर होने लगी है जिसे देखते हुए यूपीए अध्यक्ष पद को लेकर अटकले तेज हो गई है। देश के सियासी हलकों में इसकी चर्चा होने लगी है कि सोनिया गांधी इस पद से इस्तीफा दे सकती हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार को नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि शरद पवार की पार्टी ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।
इस बीच जब महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर शरद पवार सर यूपीए के अध्यक्ष बनते हैं तो हमें खुशी होगी, लेकिन मैं सुना हूं कि उन्होंने खुद इसे खारिज कर दिया है। अगर आधिकारिक रूप से इस तरह का प्रस्ताव आता है तो हम उसका समर्थन करेंगे। संजय राउत यहीं नहीं रुके। उन्होंने लगे हाथ कांग्रेस को एक कमजोर पार्टी भी करार दिया। संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस अब कमजोर है इसलिए विपक्ष को एकजुट होने और यूपीए को मजबूत करने की जरूरत है।
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार में देश का नेतृत्व करने के सारे गुण हैं। राउत ने कहा कि पवार के पास बहुत अनुभव है और उन्हें देश के मुद्दों का ज्ञान है तथा वह जनता की नब्ज जानते हैं। उन्होंने कहा, “उनके पास राष्ट्र का नेतृत्व करने की पूरी काबिलियत है।” पवार, 12 दिसंबर को अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं। राउत ने उन्हें इसकी शुभकामनाएं दी।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की जगह पवार को लाने की मीडिया द्वारा लगाई जा रही अटकलों के जवाब में राउत ने कहा, “राजनीति में कुछ भी हो सकता है। आप नहीं जानते कि आगे क्या होगा।”
More Stories
सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग
दिल्ली से मुंबई ट्रेनों की औसत गति अब होगी 160 किमी. प्रति घंटा, अधिकत्तम 12 घंटे में पूरा होगा सफर
आईपीएल में मुंबई इंडियंस को पहली जीत की दरकार
इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ हैदराबाद और मुंबई का मुकाबला, एक मैच में पहली बार बने 500 से ज्यादा रन
राखी सावंत की बढ़ी मुश्किलें, समीर वानखेड़े ने इस मामले को लेकर ठोका मानहानि का केस
दिल्ली में अमित शाह से मिले राज ठाकरे, महाराष्ट्र में एक बार सियासी हलचल तेज