
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और दुनिया के कई देशों में उसके विस्तारवादी रवैये को देखते हुए अमेरिका ने इसका मुकाबला करने की तैयारी कर ली है। बीजिंग के बढ़ते प्रभावों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही अमेरिका अगले महीने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ बैठक करने जा रहा है। और इस बैठक के बाद ही अमेरिका की अगली रणनीति तय होगी। वहीं भारत व ताईवान के साथ चीन की काफी तनातनी चल रही है जिसे देखते हुए इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने कहा है कि सितंबर और अक्तूबर में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अफसर एक बैठक करेंगे। उन्होंने कहा, इस बैठक में चीन से निपटने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। ओ’ब्रायन ने कहा कि चीन का रवैया आक्रामक होता जा रहा है और वाशिंगटन को पता है कि इससे कैसे निपटा जा सकता है। ओ’ब्रायन ने कहा, चारों देशों के अफसरों की बैठक से पहले विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और उसकी कायराना हरकतें अस्वीकार्य है।
अमेरिकी एनएसए ने कहा, दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में चीन की हरकतों से निपटने के लिए सटीक तरीकों पर काम किया जाएगा। इस दौरान अमेरिका की भूमिका खासा बड़ी रहने वाली है। उन्होंने कहा, हम कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक स्तर पर चीन का मुकाबला करने जा रहे हैं। चीन जल्द ही अपनी हरकतों का खामियाजा भुगतेगा। ओ’ब्रायन ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि बीजिंग को एक बात समझ लेनी चाहिए कि वो दुनिया के किसी भी समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा नहीं कर सकता है। सभी देशों का इन पर हक होता है। इसलिए चीन समुद्री रास्ते से आवाजाही को प्रभावित नहीं कर सकता है।
गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में लगातार कड़वाहट बढ़ रही है। दोनों ही देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा चुके हैं। वहीं, अमेरिका का कहना है कि इस वायरस को लेकर चीन ने जानकारी छिपाई है। साथ ही अमेरिका का कहना है कि चीन अपने नागरिकों को अमेरिका में भेजकर बौद्धिक संपदा की चोरी कर रहा है। हाल ही में, अमेरिका में अधिकारियों ने एक चीनी नागरिक को व्यापार से जुड़ी गुप्त जानकारी को चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी वर्जीनिया विश्वविद्यालय में एक शोधकर्ता है। आरोपी का नाम हाइजो हू है और वह 34 साल का है। न्यायिक विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चीनी नागरिक पर प्राधिकरण की इजाजत के बिना किसी कंप्यूटर तक पहुंचने या संरक्षित कंप्यूटर से जानकारी प्राप्त करने और व्यापार रहस्यों की चोरी करने के आरोप हैं।
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