नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/ देश-विदेश /नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना महामारी का तोड़ चीन से ही निकेलगा इसके लिए वैज्ञानिकों ने चीन में वैश्विक महामारी कोविड-19 के रोगियों की न्यूरोलॉजिकल समस्याओं और मौतों से संबंधित आंकड़ों का एक विस्तृत रोडमैप बनाया है ताकि इस बीमारी के लक्षणों की प्रणाली को समझा जा सके और इससे इस घातक वायरस के इलाज में भी मदद मिलेगी।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल सहित कई शोधकर्ताओं ने 153 रोगियों का अध्ययन किया है, जो बहुत ही गंभीर हालत में अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं। स्ट्रोक इन रोगियों में सबसे आम मस्तिष्क लक्षण पाया गया था। द लैंसेट साइकेट्री जर्नल में प्रकाशित शोध में, मुख्य शोधकर्ता बेनेडिक्ट ने तंत्रिका तंत्र के विकारों और मनोवैज्ञानिकों से संबंधित इस महामारी का खुलकर उल्लेख किया है। यह पता चला है कि कोविद -19 के संक्रमण के साथ न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं। ज्यादातर स्ट्रोक के मरीज भी इसमें हैं। 125 रोगियों में से, 77 को स्ट्रोक था। इनमें से 57 रोगियों में स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क में रक्त के थक्के थे। इसे इस्केमिक स्ट्रोक कहा जाता है। इनमें से नौ मरीजों को ब्रेन हैमरेज के कारण स्ट्रोक आया था।
बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा आगे, शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन रोगियों को स्ट्रोक का अनुभव हुआ उनमें से अधिकांश 60 वर्ष से अधिक आयु के थे। 39 रोगियों में मानसिक स्थिति में परिवर्तन या भ्रम देखा गया। इसके अलावा, नौ रोगियों में एन्सेफैलोपैथी के रूप में जाना जाता था और सात लोगों को एन्सेफलाइटिस था, जिसे मेडिकल पक्षाघात में इंसेफेलाइटिस कहा जाता है।
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