
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/पंजाब/चंडीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच पंजाब में कांग्रेस ने निकाय चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। कांग्रेस पार्टी लगातार किसानों के समर्थन में डटी रही है और पार्टी के नेता देशभर में किसान आंदोलन को भूनाने में लगे है। इस जीत से पार्टी को एक संजीवनी मिली हे। और पार्टी नेता अब पूरी तरह से पूरे देश में किसान आंदोलन को हर हाल में जीवंत रखने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुडें़ रहेगे क्योंकि अब से साफ हो गया है कि किसान आंदोलन पर ही पार्टी का भविष्य टिका है। पंजाब निकाय चुनाव में पार्टी ने अब तक आठ में से 6 नगर निगमों में जीत हासिल की है और दो में आगे है. 109 नगर परिषदों में 63 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। अकाली दल आठ और आम आदमी पार्टी दो सीटों पर जीती है। हालांकि भाजपा व अकाली दल का इन चुनावों में एक तरह से सूपड़ा साफ हो गया है जिससे कांग्रेस काफी उत्साहित दिख रही है।
राज्य के निकाय चुनाव में जीत से कांग्रेस उत्साहित है. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, पंजाब में पंजा।उन्होंने कहा, पंजाब के खेतों में उगी आक्रोश की फसल ने मोदी और बीजेपी द्वारा निर्ममता, निर्दयता, कटुवाक्यों और भ्रम की गगनचुम्बी चोटी पर बैठे होने के मतिभ्रम को करारा जवाब दिया है।.पंजाब का श्राप…भाजपा ड्राप..! पंजाब कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब के लोगों ने बीजेपी, अकाली दल और आम आदमी पार्टी के मुंह पर करारा तमाचा लगाया है जो अन्नदाता के सम्मान से खेल रहे थे। कांग्रेस ने पिछले करीब 50 साल में पहली बार बठिंडा में जीत दर्ज की है. पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने ट्वीट कर कहा कि बठिंडा में कांग्रेस का 53 साल में पहला मेयर होगा। अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, मोहाली, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा के आठ नगर निगमों के 2302 वार्ड और 109 नगर परिषदों के लिए कुल 9222 उम्मीदवार मैदान में हैं।
राज्य चुनाव आयोग ने मोहाली नगर निगम में दो मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान का आदेश दिया था इसलिए इस निगम के लिए मतगणना बृहस्पतिवार को होगी। उम्मीदवारों में 2,832 निर्दलीय, 2307 सत्तारूढ़ कांग्रेस के जबकि 1569 शिरोमणि अकाली दल के हैं। बीजेपी ने 1003, आप ने 1606 और बीजेपी ने 160 उम्मीदवार उतारे हैं।
बता दें कि पंजाब में ऐसे समय में निकाय चुनाव हुए है। जब करीब पिछले छह महीने से तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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