विशेषज्ञ की चेतावनी के बावजूद कोझिकोड के रनवे पर जारी रहा परिचालन

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

विशेषज्ञ की चेतावनी के बावजूद कोझिकोड के रनवे पर जारी रहा परिचालन

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केरल के कोझिकोड में करीपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान लैंडिंग करने के दौरान फिसल गया और खाई में गिर गया। इस भीषण हादसे में दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से नौ साल पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के एक सदस्य ने चेतावनी देते हुए कहा था कि करीपुर हवाई अड्डा असुरक्षित है और यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि शुक्रवार को हुए हादसे से पता चलता है कि उनकी चेतावनी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आखिर ऐसे कौन से कारण थे कि जिनके चलते विशेषज्ञों की चेतावनी को भी नजरअंदाज किया गया और लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला गया।
सूत्रों के अनुसार एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘मंगलूरू दुर्घटना के बाद जारी की गई मेरी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया। यह डाउनस्लोप वाला टेबलटॉप रनवे है। रनवे के अंत में बफर जोन अपर्याप्त है। स्थलाकृति को देखते हुए हवाई अड्डे के रनवे के अंत में 240 मीटर का एक बफर होना चाहिए, लेकिन इसमें केवल 90 मीटर बफर जोन है (जिसे डीजीसीए ने मंजूरी दी थी)। इसके अलावा, रनवे के दोनों ओर का स्थान अनिवार्य 100 मीटर के बजाय केवल 75 मीटर का है। हालांकि विशेषज्ञ ने कहा कि बारिश के समय टेबलटॉप रनवे पर परिचालन करने को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं है। नागर विमानन सचिव और महानिदेशक नागरिक उड्डयन को 17 जून, 2011 को नागर विमानन सुरक्षा सलाहकार समिति (सीएएसएसी) के अध्यक्ष को लिखे पत्र में विशेषज्ञ ने कहा था, ‘रनवे एंड सेफ्टी एरिया (आरईएसए) की कमी को देखते हुए रनवे 10 एप्रोच को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 240 मीटर के आरईएसए को तुरंत शुरू किया जाना चाहिए और परिचालन को सुरक्षित बनाने के लिए रनवे की लंबाई को कम करना होगा।
यदि कोई विमान रनवे के भीतर रुकने में असमर्थ है, तो अंत तक वहां कोई आरईएसए नहीं है। आईएलएस स्थानीयकरण एंटीना को एक ठोस संरचना पर रखा गया है और इसके आगे का क्षेत्र ढलान वाला है। 2011 के पत्र में लिखा है, ‘मंगलूरू में एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटना ने रनवे की स्थिति को सुरक्षित बनाने के लिए एएआई को सचेत किया है। हम सीएएसएसी की प्रारंभिक उप-समूह बैठकों के दौरान आरईएसए का मुद्दा उठा चुके हैं। हमने विशेष रूप से उल्लेख किया था कि आईसीएओ अनुलग्नक 14 के आवश्यक अनुपालन के लिए दोनों रनवे के लिए घोषित दूरी को कम करना होगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox