
मानसी शर्मा/- केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बताया है कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लेकर एक जरूरी कदम उठाने जा रहा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट करते हुए बताया कि अमेरिका की कंपनी Lam Research भारत के सेमीकंडक्टर में बड़ा निवेश करने जा रही है। ये निवेश 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया जा रहा हैं।
लेकिन इस निवेश से चीन की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत निकलेगा आगे अमेरिकी कंपनी का ये निवेश भारत के सेमीकंडक्टर मिशन यानी ISM के साथ जुड़ेगा। इसलिए ये इन्वेस्टमेंट भारत के लिहाजे से जरूरी माना जा रहा है। जिससे देश के विकास में मदद मिलेगी। वहीं, हाल ही में 5 सेमीकंडक्टर यूनिट की सब्सिडी को मंजूरी दी गई हैं। भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर के लिए 76,000 करोड़ रुपये का बजट बनाया है। चीन को मिलेगी नई चुनौती गौरतलब है कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में चीन काफी बड़ा हिस्सा रखता है। लेकिन भारत के इस पॅोजेक्ट से चीन को एक नई चुनौती मिल सकती है।
क्योंकि अगर भारत में इस निवेश के साथ बढ़ोतरी होती है, तो चीन के दबदबे की खतरा मंडरा सकता है। क्या है सेमीकंडक्टर? बता दें, सेमीकंडक्टर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए एक पावरफुल इंजन की तरह काम करता है। AI पूरी तरीके से सेमीकंडक्टर पर निर्भर है। क्योंकि यह फास्ट डेटा प्रोसेस करता है। इसके के अलावा ये डेटा स्टोर भी करता है। सेमीकंडक्टर क्यों जरूरी है? सेमीकंडक्टर का यूज कंप्यूटर, स्मार्टफोन, और टेलीविजन जैसे कई डिवाइस में होता हैं। सेमीकंडक्टर को सिलिकॉन चिप के नाम से जाना जाता है। सेमीकंडक्टर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट का सबसे जरूरी पार्ट होता है। यह सैटेलाइट संचार सिस्टम में यूज होता है।
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