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    विश्व साक्षरता दिवस पर विशेष संपादकीयः नजफगढ़ में साक्षरता की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

    लेखकः शिव कुमार यादव

    नजफगढ़, 6 सितंबर 2024ः आज, 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर, जब हम दुनिया भर में शिक्षा और साक्षरता के महत्व को मानते हैं, हमें यह समझना आवश्यक है कि हमारे अपने क्षेत्र, नजफगढ़, में भी साक्षरता की दिशा में काफी चुनौतियाँ हैं। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि किस प्रकार साक्षरता और शिक्षा के क्षेत्र में हम और सुधार कर सकते हैं और समाज को सशक्त बना सकते हैं।

    नजफगढ़ की स्थितिः
    नजफगढ़, जो एक प्रमुख उपनगर है, यहाँ की साक्षरता दर ने पिछले वर्षों में कुछ सुधार देखा है, लेकिन यह मानक स्तर पर अभी भी पीछे है। यहाँ की शिक्षा व्यवस्था कई समस्याओं से जूझ रही है, जिनमें स्कूलों की कमी, शिक्षण संसाधनों की कमी, और शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों और झुग्गी-बस्तियों में शिक्षा की पहुंच अभी भी एक बड़ी चुनौती है, जिससे कई बच्चे अभी भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।

    साक्षरता की चुनौतियाँः
    शिक्षा की पहुंचः
    नजफगढ़ के कई ग्रामीण क्षेत्रों और गरीब बस्तियों में स्कूलों की कमी है। यहाँ तक कि जो स्कूल हैं, वे उचित सुविधाओं और संसाधनों से वंचित हैं। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना मुश्किल हो जाता है।

    साक्षरता के प्रति जागरूकता की कमीः कई परिवार अभी भी शिक्षा को प्राथमिकता नहीं देते। विशेषकर लड़कियों की शिक्षा को लेकर समाज में गहरी सांस्कृतिक धारणाएँ बनी हुई हैं, जो साक्षरता दर को प्रभावित करती हैं।

    शिक्षकों की कमी और प्रशिक्षित स्टाफ की कमीः नजफगढ़ में शिक्षकों की कमी और प्रशिक्षित स्टाफ की कमी एक बड़ी समस्या है। यह स्थिति बच्चों के सही तरीके से शिक्षा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करती है।

    साक्षरता की दिशा में उठाए गए कदमः
    स्कूल और शिक्षा के बुनियादी ढाँचे में सुधारः
    नजफगढ़ में स्कूलों की संख्या और उनकी सुविधाओं को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। नए स्कूलों का निर्माण और मौजूदा स्कूलों का उन्नयन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।

    सामाजिक जागरूकता अभियानः शिक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए समाजिक अभियान चलाना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करेगा कि लोग शिक्षा को प्राथमिकता दें और अपने बच्चों को स्कूल भेजें।

    समर्थन और संसाधनः शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधनों और समर्थन की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके साथ ही, स्कूलों में शिक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और संसाधनों का उपयोग बढ़ाया जाना चाहिए।

    निष्कर्षः
    विश्व साक्षरता दिवस पर हमें यह समझने की जरूरत है कि साक्षरता केवल शिक्षा प्राप्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के समग्र विकास के लिए एक आधार है। नजफगढ़ में साक्षरता दर को सुधारने के लिए हमें सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। सरकार, समुदाय, और व्यक्तिगत स्तर पर सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो सके और हर बच्चे को एक उज्जवल भविष्य का अवसर मिल सके।

    आज, इस विश्व साक्षरता दिवस पर, हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने प्रयासों को दोगुना करेंगे और नजफगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श बना देंगे।

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