रात में दिल्ली की सड़के हुई खतरनाक, राहगीरों व दुपहिया वाहनों को परिवहन विभाग ने चेताया

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 20, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

रात में दिल्ली की सड़के हुई खतरनाक, राहगीरों व दुपहिया वाहनों को परिवहन विभाग ने चेताया

-दिल्ली परिवहन विभाग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, राहगीर व दुपहिया वाहन रात में हो रहे सबसे ज्यादा हादसों का शिकार

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/- देश की राजधानी की सड़कों पर रात के समय में पैदल और दोपहिया वाहनों का सफर सबसे ज्यादा जोखिम भरा हो गया है। रात में दिल्ली की सड़के राहगीरों व दुपहिया वाहनों के लिए काफी खतरनाक हो गई है। जिसके चलते दिल्ली परिवहन विभाग ने राहगीरो व दुपहिया वाहन चालकों को रात के समय देखकर चलने के लिए चेताया है।
             बता दें कि वर्ष 2021 में हुए सड़क हादसों में जान गंवाने वालों में 43 फीसदी राहगीर और 42 फीसदी दोपहिया वाहन चालक हैं। हालांकि, बीते तीन साल में सड़क हादसों में राहगीरों की मौत के आंकड़े में कमी आई है, लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा मौतें पैदल चलने वालों की ही हुई हैं। राहगीरों के बाद दूसरे नंबर पर दोपहिया वाहन चालक हैं। सबसे ज्यादा हादसे शुक्रवार रात आठ से दो बजे के बीच हुए हैं। हादसों के लिहाज से आउटर रिंग रोड, एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर रात के वक्त का सफर सबसे अधिक जोखिम भरा है। ये खुलासा दिल्ली परिवहन विभाग की रिपोर्ट से हुआ है।

               दरअसल, सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए परिवहन आयुक्त की पहल पर ट्रैफिक पुलिस, ब्लूमबर्ग इनिशिएटिव और आईआईटी, दिल्ली की ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंज्यूरी प्रिवेंशन सेंटर (ट्रिप्स) ने वर्ष 2019-2021 तक के दिल्ली की सड़कों पर हुए हादसों पर अध्ययन किया है। वर्ष 2021 में हुई सर्वाधिक मौतें दोपहिया वाहन सवारों की हुई हैं। इनमें भी पीछे बैठने वालों की संख्या ज्यादा है। सड़क हादसों के विश्लेषण पर आधारित आंकड़ों की प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
              राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और एक्सप्रेसवे पर प्रति किलोमीटर सबसे अधिक मौतें हुई हैं। वर्ष 2021 में दिल्ली में 1,242 लोगों की मौतें हुईं, यानी रोजाना सड़क हादसों में तीन लोगों ने जान गवाई। वहीं, वर्ष 2020-21 के दौरान सर्वेक्षण के आधार पर 53 फीसदी परिवारों के पास दोपहिया वाहन हैं। करीब 19 फीसदी के पास कार है, जबकि 27 फीसदी परिवारों के पास साइकिल है। वर्ष 2011 में दिल्ली में दोपहिया वाहनों की संख्या 39 फीसदी थी।

शुक्रवार को हुई सर्वाधिक मौतें
विश्लेषण में सामने आया है कि शुक्रवार रात 8 बजे से 2 दो बजे तक सर्वाधिक 240 मौतें हुई हैं। इसके लिए तेज रफ्तार और नशे को मुख्य वजह माना गया है। हादसों के अध्ययन में सड़कों पर सुरक्षा के लिहाज से बुनियादी सुविधाओं की कमी और पैदल चलने वाले भी हादसे की मुख्य वजह के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। वहीं, मंगलवार रात आठ से दो बजे के दौरान तीन वर्ष में 222 लोगों की जान चली गई।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox