नई दिल्ली/अनीशा चौहान/ – देश के सात राज्यों की 13 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के अंतिम नतीजे शनिवार को वोटों की गिनती के बाद घोषित कर दिए गए हैं। उपचुनाव में भारत गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। चुनाव आयोग द्वारा जारी नतीजों के मुताबिक, 13 सीटों में से इंडिया अलायंस ने 10 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि NDA को सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ा। एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया है।
उत्तराखंड की दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा
उत्तराखंड की मैंगलोर और बद्रीनाथ सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सत्तारूढ़ BJP को हार का सामना करना पड़ा है। दोनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। पिछले चार चरणों में उलटफेर की संभावनाओं के बीच बैंगलोर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने जीत हासिल की। काजी ने 422 वोटों से जीत हासिल की है। कांग्रेस के काजी निज़ामुद्दीन को कुल 31,727 वोट मिले जबकि BJP के करतार सिंह भड़ाना को 31,305 वोट मिले। बसपा प्रत्याशी उबेदुर रहमान 19,559 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। मंगलौर सीट हमेशा से बसपा और कांग्रेस के पास रही है।
कांग्रेस ने सीट बरकरार रखी
बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर भी BJP को हार का सामना करना पड़ा है। इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार लखपत बुटोला ने BJP उम्मीदवार राजेंद्र भंडारी को 5,224 वोटों से हराया। लखपत बुटोला को 28,161 वोट और BJP के राजेंद्र भंडारी को 22,937 वोट मिले। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की थी।
पंजाब में दलबदलू को जनता ने सिखाया सबक
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के मोहिंदर भगत ने जालंधर पश्चिम सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार शीतल अंगुराल को 37,325 मतों के अंतर से हराया। मार्च में अंगुराल के आप विधायक पद से इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। जनता ने दलबदलू प्रत्याशी को सबक सिखाकर आम आदमी पार्टी पर भरोसा जताया।
तमिलनाडु में डीएमके की जीत
तमिलनाडु में, विकरावंडी विधानसभा सीट पर द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अन्नियुर शिवा ने पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के अंबुमणि सी को 67,757 वोटों से हराया। यहां NDA प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
बंगाल की चारों सीटों पर टीएमसी को बड़ी मिली जीत
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवारों कृष्णा कल्याणी, मधुपर्णा ठाकुर, मुकुट मणि अधिकारी ने क्रमशः रायगंज, बादशाह, राजघाट दक्षिण सीटों पर जीत हासिल की, जबकि सुप्ति पांडे ने मानिकतला सीट से जीत हासिल की। सुप्ति पांडे ने BJP प्रत्याशी को 60 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज में कल्याणी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मानस कुमार घोष पर 50,077 मतों के अंतर से जीत हासिल की। कल्याणी को 86,479 वोट मिले जबकि घोष को 36,402 वोट मिले।
तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य और मतुआ नेता ममताबाला ठाकुर की बेटी मधुपर्णा ठाकुर ने उत्तर 24 परगना जिले की बगदाद विधानसभा सीट से अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी बिनय कुमार विश्वास को 33,455 मतों के अंतर से हराया। मधुपर्णा ठाकुर को 1,07,706 वोट मिले, जबकि बिस्वास को 74,251 वोट मिले। उत्तर 24 परगना के राजघाट दक्षिण में तृणमूल कांग्रेस के मुकुट मणि अधिकारी ने BJP उम्मीदवार मनोज कुमार विश्वास को 39,048 वोटों से हराया। अधिकारी को 1,13,533 वोट मिले जबकि बिस्वास को 74,485 वोट मिले।
हिमाचल में कांग्रेस ने 3 में से 2 सीटें जीतीं
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने देहरा विधानसभा सीट से भाजपा के होशियार सिंह को 9,399 वोटों से हराया। नालागढ़ में कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने BJP के केएल ठाकुर को 25,618 वोटों से हराया।
इन दोनों सीटों पर NDA की जीत हुई
हिमाचल की हमीरपुर सीट पर BJP ने जीत हासिल कर ली है। BJP उम्मीदवार आशीष शर्मा को 27,041 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को 25,470 वोट मिले। आशीष शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी को 1571 वोटों से हराया। वहीं, मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा सीट पर BJP के कमलेश प्रताप शाही ने कांग्रेस के धीरन शाह इनवाती को 3027 वोटों से हरा दिया है। यह सीट पहले कांग्रेस के कब्जे में थी। कमलेश प्रताप शाही ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और BJP में शामिल हो गए। यहां की जनता ने फिर से कमलेश प्रताप शाही पर भरोसा जताया है।
बिहार की रुपौली सीट से निर्दलीय की जीत
बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर भारतीय गठबंधन और NDA दोनों को हार का सामना करना पड़ा है। निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जेडीयू के कलाधर प्रसाद मंडल को 8246 वोटों से हरा दिया है। राजद प्रत्याशी बीमा भारती को 30619 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहीं। इससे पहले बीमा भारती यहां से विधायक थीं। उन्होंने इस्तीफा दे दिया और राजद के टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वहां भी उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। इस तरह बिहार में भी जनता ने दलबदलू प्रत्याशी को हार का स्वाद चखा दिया है।
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