• DENTOTO
  • “प्राकृतिक खेती एवं प्राकृतिक उत्पादों का विपणन” विषय पर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 24, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    “प्राकृतिक खेती एवं प्राकृतिक उत्पादों का विपणन” विषय पर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम

    नई दिल्ली/अनिशा चौहान/- कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली के द्वारा “प्राकृतिक खेती एवं प्राकृतिक उत्पादों का विपणन” विषय पर 10 दिवसीय दिनांक 10 से 19 जून, 2024 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के परिसर में किया गया। कार्यक्रम का शुरुआत में डॉ. डी. के. राणा, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार प्राकृतिक कृषि प्रणाली को प्रोत्साहित कर रही है। वर्तमान समय में खेती में फसल उत्पादन के लिए अधिकतम रसायनों का प्रयोग हो रहा है, जिससे मिट्टी, जल एवं वायु प्रदूषण होने के साथ- साथ फसल उत्पादकता भी कम होने लगी है एवं रसायनों के अधिक प्रयोग से रसायनों का अंश उत्पादों में अधिक मात्रा में आने लगा है, जिससे मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली समय-समय पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है, जिसमें भागीदारी करके हमें प्राकृतिक आहार के साथ स्वस्थ जीवन स्वस्थ भारत को बढ़ावा देना चाहिए।

    प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. समर पाल सिंह, विशेषज्ञ (सस्य विज्ञान) ने बताया कि प्राकृतिक खेती देसी गौ-आधारित खेती है, जिसमें गोबर, गोमूत्र, धी दूध एवं दही आदि प्राकृतिक उत्पाद बनाने में प्रयोग होता हैं। इसी के साथ प्राकृतिक विधि द्वारा फसलों के उत्पादन की विभिन्न तकनीकियों के बारे में जानकारी दी एवं प्राकृतिक खेती के प्रमुख अवयव जीवामृत, पंचगव्य, जीवामृत, घनजीवामृत एवं नीमास्त्र आदि के बनाने की विधियों की विस्तृत जानकारी विधि प्रदर्शन के माध्यम से उपलब्ध करवाई। इसी प्रशिक्षण के दौरान डॉ. राकेश कुमार, विशेषज्ञ (बागवानी) ने प्राकृतिक विधियों के माध्यम से सब्जी एवं फल उत्पादन की विभिन्न तकनीकों के बारे में अवगत करवाया।

    डॉ. जय प्रकाश, वैज्ञानिक (पशुपालन) ने बताया कि प्राकृतिक खेती के लिए पशुओं का प्रबंधन एवं उपचार भी प्राकृतिक औषधीय के द्वारा होना चाहिए जैसे पशुओं के चारे में नीम की पत्तियों के प्रयोग में कृमि नाशक का नियंत्रण, थनैला रोग के रोकथाम के लिए हल्दी और देसी घी के मिश्रण का प्रयोग, पशुओं में पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए काली मिर्च, गुड़, लौंग, लहम्न एवं हींग आदि का प्रयोग के साथ साथ किसानों को पशुओं के आहार प्रबंधन एवं रखरखाव की विस्तृत जानकारी दी। श्री कैलाश, विशेषज्ञ (कृषि प्रसार) ने किसानों में प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को समूह बनाना, गुणवत्ता युक्त उपज, प्राकृतिक उत्पादों का प्रमाणीकरण व विपणन एवं डिजिटल मार्केटिंग चैनल आदि के बारे में अवगत करवाया एवं श्री वृजेश कुमार, विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान) ने मृदा परीक्षण का महत्व एवं नमूना एकत्र करने की विधि आदि के बारे विस्तृत जानकारी दी।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox