
राष्ट्रीय सुरक्षा, संविधान और संस्कृति की अस्मिता से बनाए महान।
सभी भारतवासी मिलकर करते आज इस प्रतिज्ञा का आह्वान॥
स्थापित करेंगे मिलकर शांति और समरसता, लेते यह संकल्प।
मेहनत और सहयोग से बदलेंगे भारत का कायाकल्प॥
संप्रभुत्व के लोकतन्त्र के महत्व को हम देते सम्मान।
विश्वगुरु भारत का तो सभी जगह होता है गुणगान॥
विविधता में एकता है भारत की विशेषता।
करें प्रयास मिलकर, बनेंगे श्रेष्ठ भारत के प्रणेता॥
राष्ट्रीय त्यौहार के दिन करते भिन्न-भिन्न आयोजन।
भारत माँ को नमन करके प्रफुल्लित है जन-जन॥
शहीदों के बलिदान को न जाने देंगे व्यर्थ।
प्रयत्नों की ऊँचाई बढ़ाकर बनेंगे समर्थ॥
भारत माता के सपूतों का शौर्य है वंदनीय।
इनका मार्गदर्शन तो है सभी के लिए अनुसरणीय॥
26 जनवरी है लोकतान्त्रिक मूल्यों वाला महापर्व।
डॉ. रीना कहती, भारत माँ की संतान बन होता हमें गर्व॥
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)
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