
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने दावा करते हुए कहा कि किसानों का पीएम मोदी के पंजाब दौरे पर सुरक्षा में चूक की वजह स्वयं पंजाब पुलिस थी न कि किसान। किसानों का हाईवे जाम करने का कोई इरादा नही था वो तो जिला मुख्यालय विरोध प्रदर्शन करने जा रहे थे। किसानों को तो यह भी नही पता था कि प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से आ रहे है। वो तो पुलिस ने उन्हे रोड़ पर ही रोक दिया जिसकारण प्रधानमंत्री व किसानों का काफिला आमने-सामने आ गये।

बठिंडा-फिरोजपुर नेशनल हाईवे पर प्यारेआना गांव के पास जाम लगा था और इसी हाईवे के फ्लाईओवर पर मोदी का काफिला फंसा। जाम पंजाब पुलिस के कारण लगा, क्योंकि किसान तो तय शेड्यूल के मुताबिक फिरोजपुर क्ब् दफ्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोका और इसी वजह से हाईवे ब्लॉक हो गया। इसी वजह से च्ड को 20 मिनट सड़क पर खड़े रहना पड़ा।
हाईवे पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के नेता ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं थी कि प्रधानमंत्री इस रूट से गुजरने वाले हैं। प्यारेआना गांव के पास इकट्ठा हुए किसानों की अगुआई कर रहे भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि उनका हाईवे ब्लॉक करने या पीएम की सुरक्षा खतरे में डालने का कोई प्रोग्राम या इरादा नहीं था। बठिंडा-फिरोजपुर नेशनल हाईवे पर प्यारेआना गांव के पास भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के जत्थे को रोकने की वजह से जाम लगने के बाद पुलिसवाले खुद किसानों के साथ चाय पीते नजर आए। फूल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर रैली अनाउंस होने के बाद पंजाब के 10 अलग-अलग किसान संगठनों ने बरनाला में मीटिंग की। इसी मीटिंग में तय हुआ कि 5 जनवरी को जब च्ड पंजाब में होंगे, उस दिन सभी किसान संगठनों के सदस्य अलग-अलग जिला हेडक्वार्टरों पर विरोध प्रदर्शन करके उनके पुतले जलाएंगे। इस प्रोग्राम की जानकारी मीडिया के अलावा सभी जिलों में प्रशासनिक अफसरों को भी दी गई।फूल के अनुसार 5 जनवरी की सुबह 9 बजे के आसपास तय प्रोग्राम के तहत फिरोजपुर के कई गांवों के किसान फेरूशाह अनाज मंडी में इकट्ठा हुए और वहां से किसान नेता बलदेव सिंह जीरा की अगुआई में फिरोजपुर दफ्तर के लिए निकले। सुबह तकरीबन 11 बजे जब लगभग 700 किसानों का जत्था बठिंडा-फिरोजपुर हाईवे पर प्यारेआना गांव के पास पहुंचा तो वहां मौजूद पंजाब पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसानों के यह बताने पर भी कि वह क्ब् दफ्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं, पंजाब पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। फूल के मुताबिक, मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने किसानों से कहा कि वह च्ड की रैली में खलल डालने जा रहे हैं, इसलिए उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। पुलिस अफसरों का कहना था कि किसान चाहें तो यहीं (प्यारेआना गांव के पास) हाईवे के किनारे अपना विरोध जता सकते हैं। इस पर बलदेव सिंह जीरा ने पुलिसवालों को चेताया भी कि अगर उनके जत्थे को आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई तो वह यहां से ठश्रच् वर्करों की बसों को भी आगे नहीं जाने देंगे। पुलिसवालों ने जीरा की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। पुलिसवालों के रवैये से नाराज होकर उनके जत्थे के सदस्य हाईवे पर बैठ गए, जिसकी वजह से रास्ता बंद हो गया। रैली में जा रहे ठश्रच् वर्करों की 100 से ज्यादा बसें फंस गईं। बाद में पुलिस अफसरों ने ठश्रच् वर्करों की बसों को रूट डायवर्ट करके आगे निकालना वे 11 बजे बंद हुआ। उसके घंटे भर बाद भी पंजाब पुलिस के किसी अधिकारी ने उनके जत्थे को एक बार भी ये नहीं बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इसी रूट से फिरोजपुर जाने वाले हैं। किसानों को तो तब तक यही पता था कि प्रधानमंत्री मोदी बठिंडा से हेलिकॉप्टर के जरिये फिरोजपुर पहुंचेंगे, जहां उनके लिए 3 हेलीपैड बनाए गए हैं। फूल ने बताया कि दोपहर लगभग 12 बजे पंजाब पुलिस के कुछ अफसरों ने अचानक च्ड मोदी के आने की बात कहते हुए उनके जत्थे से हाईवे खाली करने को कहा। उन्हें पुलिसवालों की बात पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि च्ड के हेलिकॉप्टर से फिरोजपुर पहुंचने का प्रोग्राम था। उस समय तक कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मोदी के हुसैनीवाला पहुंचने की खबरें भी आने लगीं। ऐसे में उनके जत्थे को लगा कि पुलिसवाले शायद ठश्रच् वर्करों की बसें निकालने के लिए उनसे झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि च्ड का रैलीस्थल इस हाईवे से लगभग 10 किलोमीटर आगे था।
सुरजीत सिंह फूल ने स्पष्ट किया कि उनका हाईवे ब्लॉक करने या च्ड का रास्ता रोकने जैसा कोई प्रोग्राम नहीं था। अगर पंजाब पुलिस फिरोजपुर क्ब् दफ्तर पर प्रदर्शन करने जा रहे उनके जत्थे को प्यारेआना गांव के पास नहीं रोकती तो यह नौबत ही नहीं आती।
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