अनुच्छेद 370 पर बदला गुलाम नबी का रूख, कहा नही बहाल हो सकता अनुच्देछ 370

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 13, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अनुच्छेद 370 पर बदला गुलाम नबी का रूख, कहा नही बहाल हो सकता अनुच्देछ 370

-कहा लोगों को गुमराह नही करूंगा, न ही वोट के लिए और न ही राजनीति के लिए

बारामुला/कश्मीर/- हाल ही में कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान करने वाले गुलाम नबी आजाद ने रविवार को बारामूला की रैली में कहा कि कश्मीर की अवाम आर्टिकल 370 हटने के सपने ना देखे। अब यह आर्टिकल हटने वाला नही। साथ उन्होने कहा कि मैं राजनीति या वोट के लिए लोगों को गुमराह नही करूंगा। जो सही है वही कहूंगा। हालांकि कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार से कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने की अपील की थी। लेकिन अब उन्होने अपना रूख बदलते हुए कहा कि इसे वापस नहीं लाया जा सकता। आजाद ने कहा, कृपया उन मुद्दों के चक्कर में न पड़ें, जिन्हें हासिल ही नहीं किया जा सकता। अब आर्टिकल 370 वापस नहीं आ सकता। इसके लिए संसद में बहुमत की जरूरत है।’
              गुलाम नबी आजाद ने साफ कहा कि कांग्रेस चुनाव दर चुनाव गिर रही है और इस वक्त भारत में ऐसा कोई भी दल नहीं है, जो संसद में बहुमत हासिल कर सके और फिर आर्टिकल 370 बहाल कर दे। उन्होंने कहा कि न तो कांग्रेस और न ही ममता बनर्जी, डीएमके, शरद पवार या कोई अन्य पार्टी इसे वापस नहीं ला सकती। उन्होंने कहा कि कोई भी दल यदि लोकसभा में 350 सीट लाता है और उसके पास राज्यसभा में भी बहुमत होता है, तभी वह आर्टिकल 370 को वापस ला सकता है। आजाद ने कहा कि पिछली बार कांग्रेस ने 50 सीटें जीती थीं और इस बार तो वह 25 तक आ सकती है।
               गुलाम नबी आजाद ने जिस तरह से आर्टिकल 370 को लेकर अलग रुख दिखाया है, उससे यह संकेत मिल रहा है कि वह शायद भाजपा के साथ जम्मू-कश्मीर की सियासत में अपना भविष्य में देख रहे हैं। दरअसल गुलाम नबी आजाद की पकड़ जम्मू-कश्मीर के जिन इलाकों में है, वे मिश्रित आबादी वाले हैं या फिर हिंदू बहुल हैं। इन इलाकों में आर्टिकल 370 हटाए जाने का कोई खास विरोध नहीं है। ऐसे में गुलाम नबी आजाद की शायद यह पॉलिटिक्स है कि वे इन इलाकों में अपनी पैठ बना सकें। इसके अलावा भाजपा का स्टैंड तो हमेशा से आर्टिकल 370 के खिलाफ रहा है और अपनी स्थापना के दौर से यह उसका मुद्दा रहा है।

पिछले साल आर्टिकल 370 के विरोध में दिया था बयान
ऐसे में आर्टिकल 370 को लेकर बयान देकर गुलाम नबी आजाद ने संकेत दिया है कि भविष्य में वे भाजपा संग मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि बीते साल ही गुलाम नबी आजाद ने आर्टिकल 370 को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, ’हमसे कहा गया था कि आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर बदल जाएगा। उसके विकास, अस्पताल और बेरोजगारी पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। हकीकत ये है कि जब राज्य को विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा शासित किया जा रहा था तब हम कहीं बेहतर थे। हम बुरी तरह हार चुके हैं। राज्य के दो हिस्सों में बंटने के बाद हम बुरी तरह हारे हैं। विधानसभा भंग होने के बाद हम बुरी तरह हार गए हैं।’

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox