
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हर बार सावन की शिवरात्री पर कावड़ियों द्वारा गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता था लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते भोले भंडारें कावड़ से महरूम रह गये। उनके भक्तों ने बगैर कावड़ के गंगा जल के पूजा अर्चना कर उनका जलाभिषेक किया। हालांकि मंदिर में पूजा अर्चना व जलाभिषेक में कोरोना के तहत जारी सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का सभी भक्तों ने पूरी निष्ठा के साथ पालन किया।
इस अवसर पर मंदिर के संरक्षक शिव धन गुप्ता, मनोज कुमार मित्तल, मुकुल मित्तल, अरूण कुमार मित्तल व शिव रतन मित्तल ने भगवान शिव की पूजा अर्चना संपन्न कराई और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया। इस संबंध में मुकुल मित्तल ने बताया कि मंदिर में सावनी शिवरात्री के अवसर पर हर साल कावड़ियों की काफी धूम होती थी लेकिन इसबार सरकार ने कावड़ यात्रा पर कोरोना महामारी के चलते प्रतिबंध लगा दिया जिसकारण इस बार कावड़ का जल शिवलिंग पर नही चढ़ पाया। उन्होने बताया कि मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को पहले सेनेटाईज किया गया और उन्हे मास्क लगाकर रखने की शर्त पर ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। इसके साथ ही सभी को सामाजिक दूरी को बनाये रखने का भी निर्देश दिया गया था। और लोगों ने भी अपने आप को सुरक्षित रखते हुए कानूनी निर्देशों के तहत भगवान शिव की पूजा अर्चना की। हालांकि हर बार मंदिर में व्यापक पैमाने पर प्रसाद का वितरण किया जाता रहा है लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते मंदिर प्रशासन ने प्रसाद वितरण की योजना को स्थगित कर दिया। फिर भी मंदिर में पूरी धूमधाम से शिवरात्री मनाई गई और श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ शिव लिंग का जलाभिषेक कर भगवान शिव से कोरोना से जल्द मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।
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