
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पिछले काफी समय हरियाणा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही उठापटक को आखिर विराम लग ही गया। भाजपा ने एक बार फिर प्रदेश की कमान एक जाट नेता को ही सौंपने का निर्णय लिया है। रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरियाणा के नये अध्यक्ष के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री ओ पी धनखड़ अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे। उन्होने आशा व्यक्त की कि उनके नेतृत्व में प्रदेश भाजपा काफी उचाईयों पर जायेगी। ओपी धनखड़ अब सुभाष बराला की जगह लेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व मुख्यालय प्रभारी अरूण सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी किया है।
बता दें कि इससे पहले ओम प्रकाश धनखड़ भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा ने जाट नेता सुभाष बराला के बाद दूसरे जाट नेता ओपी धनखड़ पर विश्वास जताया है। वहीं भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ रविवार को झज्जर पहुंचे। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया।
श्री धनखड़ को प्रदेश की कमान मिलने में चर्चा यह भी है कि पीएम नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ पुरानी दोस्ती थी और गुजरात में मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के राष्ट्रीय समन्वयक रहने का भी उन्हे ईनाम मिला है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष की अंतिम दौड़ तक उनके नाम की कोई ज्यादा चर्चा नही थी लेकिन फिर भी उन पर पार्टी ने भरोसा जताकर यह दिखा दिया कि आलाकमान की दोस्ती कभी व्यर्थ नही जाती। इस मामले में वह छुपा रुस्तम साबित हुए। हालांकि श्री धनखड़ को प्रदेश संगठन का काफी लंबा अनुभव है जिसे देखते हुए यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह एक अच्छे नेता साबित होंगे। वैसे भी जाट लाॅबी का भाजपा आलाकमान पर काफी दबाव था और बरोदा उपचुनाव भी भाजपा के लिए एक कसौटी बना हुआ था। जिसे देखते हुए भाजपा आलाकमान ने एक बार फिर प्रदेश भाजपा की बागडौर एक अनुभवी जाट नेता को सौंप दी है। हालांकि श्री धनखड़ इस बार विधानसभा का चुनाव हार गये थे। जिसे देखते हुए यह चर्चा भी जोरो पर है कि उन्हे अनुभव का नही दोस्ती का ईनाम दिया गया है।
यहां बता दें कि श्री घनखड़ के लिए 18 साल आरएसएस के लिए कार्य करना भी फायदेमंद रहा। जाट के बदले जाट पर भरोसा जताना भाजपा का कूटनीतिक कदम है। चूंकि, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा व डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला दोनों जाट हैं। इसलिए भाजपा ने जाट प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को हटाकर गैर जाट की ताजपोशी का जोखिम नहीं उठाया। धनखड़ मुखर हैं और आक्रामक तेवर भी अपना लेते हैं, जिसका भाजपा हुड्डा, चैटाला के खिलाफ फायदा उठाएगी। बरौदा उपचुनाव सिर पर है, ऐसे में भाजपा जाटों में कोई गलत संदेश भी नहीं जाने देना चाहती थी।
धनखड़ हरियाणा की पूर्व भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उन्होंने पशुपालन व कृषि मंत्रालय संभाला। इसके अलावा धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्स्टेच्यू ऑफ यूनिटीश् के नेशनल कॉर्टिनेडर की जिम्मेदारी निभाई। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में दो बार चुने गए। 2011 से 2013 और 2013 से 2015 तक भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहे।
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में धनखड़ ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंदर सिंह हुड्ड के खिलाफ रोहतक से चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। 2014 में विधानसभा चुनाव बादली विधानसभा सीट से उन्होंने जीत दर्ज की थी। 2019 में फिर बादली से ही चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके।
श्री धनखड़ की जीवनी पर एक नजर-
पहली अगस्त 1961 को पंजाब के ढाकला में वैद्य मोहब्बत सिंह के घर जन्मे। अब यह गांव हरियाणा में है।
एमडीयू रोहतक से मास्टर डिग्री व एमएड की।
भूगोल के लेक्चरर के तौर पर 11 साल भिवानी में पढ़ाया।
शिक्षा के क्षेत्र पर पुस्तकें भी प्रकाशित की। शिक्षाविद् के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता व कृषक भी हैं।
30 साल से राजनीति में, प्रदेश भाजपा में महासचिव के अलावा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के समय राष्ट्रीय सचिव रहे।
1978 से 1996 तक आरएसएस, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व स्वदेशी जागरण मूवमेंट में काम किया, 1996 में भाजपा में आ गए।
हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे, भाजपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। नड्डा से करीबियां बढ़ीं।
भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा न मिलने व स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते पद यात्रा, साइकिल यात्रा निकाली।
सीएम मनोहर लाल ने दी बधाई
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को बधाई दी है। उन्होंने कहा, अध्यक्ष बनाए जाने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। पूर्ण विश्वास है कि आपके राजनीतिक अनुभव का लाभ पार्टी के कार्यकर्ताओं को अवश्य मिलेगा और हरियाणा भाजपा संगठनात्मक रूप से और सुदृढ़ होगी।
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