कांग्रेस में रह सकते है बागी सचिन पायलट

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कांग्रेस में रह सकते है बागी सचिन पायलट

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जयपुर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राजस्थान में राजनीतिक घटनाक्रम रोजाना तेजी से बदल रहे हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है सचिन पायलट की रणनीति भी अब सामने आ रही है। हांलाकि पायलट की रणनीति का पार्ट-वन फेल हो चुका है। इसलिए अब वह पार्ट-2 पर काम कर रहे हैं। अब वह कांग्रेस में ही रहकर काम करना चाहते है और अपने आप को सच्चा कांग्रेसी बताकर और विधायकों का समर्थन जुटाना चाहते हैं। हालांकि कांग्रेस ने भी अभी तक पायलट समेंत सभी 19 विधायकों को पार्टी से बर्खास्त नही किया है। जिसे देखते हुए लगता है कि आने वाला समय सीएम अशोक गहलोत के लिए मुश्किलों भरा होगा और उनकी मुसीबते बढ़ने वाली है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पुलिस राजस्थान सरकार को अपदस्थ करने की साजिश का भंडाफोड़ करने में जुटी है। मुख्यमंत्री गहलोत और उनके कानूनी सलाहकार इसे सबसे सफल हथियार मान रहे हैं। इसी को आधार बनाकर गुरुवार शाम को दो और प्राथमिकी दर्ज कराई गईं। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत अन्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पार्टी केंद्रीय मंत्री पर सरकार गिराने की साजिश में शामिल बताकर उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही है।
दरअसल कांग्रेस को ये सभी कदम बागी नेता सचिन पायलट के कानूनी शरण लेने के चलते करना पड़ रहे हैं। पायलट चाहते हैं कि फिलहाल वह कांग्रेस में ही रहकर अपनी आवाज को जोरदार ढंग से उठाएं। कांग्रेस पार्टी ने अभी भी सभी विकल्पों को खुला रखा है। सचिन पायलट अगर समर्थकों समेत मान जाएं तो अच्छा है। हालांकि पायलट के सामने अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दो ही आश्वासन दे रहे हैं। पहला यह कि वह बिना शर्त वापस आएं, उनका ख्याल रखा जाएगा। दूसरा, पायलट को कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में जगह दी जाएगी। उन्हें राजस्थान में अब उप मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष फिर से नहीं बनाया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर वे मानते हैं तो ठीक है। यदि नहीं मानते हैं तो पार्टी विरोधी गतिविधियों और राज्य सरकार को अपदस्थ करने के प्रयासों में विधायकों की सदस्यता अयोग्य करार देने जैसी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस की योजना सचिन पायलट और उनके समर्थकों को निलंबित करके अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई को धार देने की है, लेकिन पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त करने की नहीं है। जबकि पायलट खेमा चाहता है कि कांग्रेस उन्हें बर्खास्त कर दे। पहले चरण में पार्टी ने राजस्थान सरकार में मंत्री रहे विश्वेंद्र सिंह समेत दो लोगों को निलंबित कर दिया है। पायलट का साथ दे रहे नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। पायलट के साथ फिलहाल 19 विधायक बताए जा रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यह संख्या घटने के पूरे आसार हैं।
गुरुवार को दो पार्टी विधायकों ने वरिष्ठ नेताओं से बात भी की है। कुल मिलाकर अब यह लड़ाई लंबी चलने के आसार हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है सचिन पायलट की रणनीति सामने आ रही है। पायलट की रणनीति का पार्ट-वन फेल हो चुका है। इसलिए अब वह पार्ट-2 पर काम कर रहे हैं। इसमें उनकी कोशिश कांग्रेस के भीतर और विधायकों का समर्थन हासिल करना, खुद को सच्चा कांग्रेसी बताकर अशोक गहलोत पर निशाना साधने के साथ-साथ राज्य सरकार की मुसीबतंे बढ़ाना है।

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