
नजफगढ़ मेट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना महामारी के चलते मजदूरों के पलायन को लेकर दिल्ली के किसान काफी संकट में आ गए हैं। धान की बुवाई के लिए मजदूरों की जरूरत है लेकिन पलायन के कारण मजदूर के नही होने की वजह से किसान धान की खेती की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं जिसे देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र उजवा ने एक संगोष्ठी का आयोजन कर किसानों को धान की सीधी बुवाई करने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली क्षेत्र में किसान खरीफ के मौसम में धान की फसल लेते हैं और धान की रोपाई के लिए श्रमिकों की जरूरत होती है। कोरोना महामारी के कारण श्रमिकों का पलायन हो गया है। यह किसानों के सामने गंभीर समस्या है। इस को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली ने धान की सीधी बुवाई तकनीक को अपनाने के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन किया है। इस विधि में धान की रोपाई की आवश्यकता नहीं होती और धान के बीज को सीधे खेत में बोया जाता है जिससे धन व जल की बचत भी होती है। गालिबपुर में कृषक संगोष्ठी के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता ने बताया कि धान की सीधी बुवाई वर्तमान समय में अच्छा विकल्प है। जिससे धान की पैदावार को बनाए रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने किसानों से कहा कि इस प्रणाली को अपनाने से किसानों को मजदूरों की जरूरत नहीं होगी और वह स्वयं भी इस प्रणाली से धान की बुवाई कर सकते हैं । सस्य वैज्ञानिक डॉक्टर समर पाल सिंह ने किसानों को धान की सीधी बुवाई की तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। वहीं डॉ राकेश कुमार सब्जी विज्ञान विशेषज्ञ ने किसानों को सब्जियों की खेती के बारे में जानकारी देकर लाभान्वित किया। कृषि प्रसार वैज्ञानिक श्री कैलाश ने किसानों को संचार माध्यम द्वारा कृषि की नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के संचार एवं सूचना तकनीकी माध्यम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। मृदा विज्ञान विशेषज्ञ श्री बृजेश ने किसानों को मृदा के नमूने के बारे में जानकारी दी और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के प्रयोग एवं उसके आधार पर फसलों में उर्वरकों के प्रयोग पर जानकारी दी।
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