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    पूर्व अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिवारों को मिले पुख्ता स्वास्थ्य सुविधाऐं-रणवीर सिंह

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हर मौसम पर हर परिस्थिति में देश सेवा में अडिग रहने वाले लाखों पैरामिलिट्री फोर्स के परिवार स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में काफी परेशानी झेल रहे हैं। जिसे देखते हुए कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह ने पूर्व अर्धसैनिकों के परिवारों के लिए सरकार से पुख्ता स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार जिस सीजीएचएस डिस्पैंसरी के माध्यम से उन्हे स्वास्थ्य सुविधाये उपलब्ध कराती है। उनकी सेवाऐं ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। केंद्र सरकार को सैनिक परिवारों की सुविधा के लिए हर खड स्तर पर सीजीएचएस डिस्पैसरियों का निर्माण कराना चाहिए ताकि सैनिकों के परिवार परेशानी से बच सके और उन्हे अच्छी सुविधाये समय पर मिल सके।
    महासचिव रणवीर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरसते, दम तोड़ते लाखों पैरामिलिट्री फोर्स के परिवार केंद्रीय अर्धसेनिक बलों के बीस लाख परिवारों के नौनिहाल जो कि पूरे देश की कानून व्यवस्था को बनाए रखने, लम्बी सरहदों की चाक-चैबंद चैंकिदारी, महत्वपूर्ण औधोगिक संस्थानों, सरकारी भवनों, मैट्रो, बंदरगाहों, हवाई अड्डों परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सतर्क निगाहों से सुरक्षा, राज्यों की कानून व्यवस्था बनाए रखने में विशेष भूमिका, समाज में आपसी भाईचारा एवं सामाजिक सौहार्द बनाए रखने, माईनस 50 डिग्री पारे में बर्फीले हिमालियन सरहदों एवं 50 डिग्री तपते रेगिस्तान ( बाड़मेर जैसलमेर सैक्टर) में चाक-चैबंद चैकसी, बाढ भुकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में आम जान-माल की सुरक्षा, देश में होने वाले चुनावों में निष्पक्ष भुमिका, नक्सलवाद, उग्रवाद, आतंकवाद की भिड़ंत में आए दिन शहीद होते केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की राष्ट्र के प्रति निभाई गई विशेष भुमिका को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन जहां तक सुरक्षा बलों के लाखों पैरामिलिट्री परिवारों को केंद्रीय सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का सवाल है ना के बराबर यानी ऊंट के मुंह में जीरा। ज्ञातव्य है कि पैरामिलिट्री फोर्स के सेवारत जवानों व सेवा निवृत्त परिवारों को केंद्रीय सरकार सीजीएचएस डिस्पेंसरी के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है लेकिन जब 100-150 किलोमीटर दूर दूर तक कोई सीजीएचएस डिस्पेंसरी ही नहीं तो इलाज के लिए जाएं कहां।
    इस संबंध में महासचिव रणबीर सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान व हरियाणा जहां के हर दसवें- बारहवें घर से अर्धसेनिक बलों के सेवारत व सेवानिवृत परिवार निवास करते है, आज बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के ना होने से तिल-तिल कर मरने को मजबूर हैं। हरियाणा के रेवाड़ी, नारनौल, झज्जर, महेंद्रगढ़, भिवानी, हिसार,जींद, सिरसा पंजाब के भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, अबोहर फाजिल्का संगरूर, फतेहगढ़ साहिब , पटियाला, व चाइना सरहद से सटे उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चम्पावत, चमोली, बागेश्वर, हल्द्वानी, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, कांगड़ा, चम्बा, मंडी , पाकिस्तान से सटे राजस्थान के जैसलमेर बाड़मेर, बीकानेर, सीकर, झुनझुनु, नागोर, चुरू, अलवर, जोधपुर ओर इसी तरह जम्मू-कश्मीर के पुंछ, मैंढर, सांभा, ओर राजौरी, अखनूर इत्यादि । उपरोक्त जिलों में स्थाई निवास करने वाले लाखों पैरामिलिट्री फोर्स के परिवार आजादी से लेकर आजतक मेडिकल सुविधाओं को पाने के लिए के लिए तरस रहे हैं। लाजिमी है कि यही हाल बेहाल बाकि अन्य राज्यों के परिवारों का भी होगा।
    कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री अमित शाह व पहले के गृह मंत्री जो अब रक्षा मंत्री है राजनाथ सिंह, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन व डीजी सीआरपीएफ वार्ब चेयरमैन से मुलाकात कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं व सीजीएचएस डिस्पेंसरियों के विस्तार को लेकर ज्ञापन सौंपा जा चुका है लेकिन आज तक सरकार के कान में जूं नहीं रेंगी और ना ही अभी तक कोई संज्ञान लिया गया है। प्रतिनिधि मंडल ने सीजीएचएस डिस्पेंसरियों के विस्तार हेतु देश भर में सर्वेक्षण कराया जाने वास्ते उपरोक्त केंद्रीय मंत्री गणों को कई बार गुहार लगाई कि जिन जिलों में बहुतायत संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के परिवार स्थाई निवास करते है वहां डिस्पेंसरियां खोली जाएं। सालों साल से चले आ रहे भेदभाव का उदाहरण है कि सरकार सेना के लिए जिला स्तरीय ईसीएचएस स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराती है लेकिन वास्तविक सरहदों के पैरामिलिट्री चैकीदारों के परिवारों को पूरी तरह से अनदेखा कर रही है जो कि देश के सामने एक गंभीर सवाल ?
    अखबार व मिडिया के माध्यम से देश वासियों को याद दिलाना चाहेंगे जब माननीय प्रधानमंत्री जी ने मार्च 2018 मन की बात कार्यक्रम के दौरान हर तीन जिलों में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी ओर अभी पिछले 2020 के बजट में माननीय वित्त मंत्री साहिबा ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोल कर ऑनलाइन शिक्षा देने की बात कही गई थी। माननीय प्रधानमंत्री जी मेडिकल कॉलेज खोलने की तो दूर की बात कम से कम सरहदी चैकीदारों के लिए जिला स्तर पर सीजीएचएस डिस्पेंसरियों का विस्तार किया जाए ताकि अर्धसेनिक बलों के जवानों व उनके परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके, इन डिस्पेंसरियों के खुलने से ना केवल अर्धसेनिक बलों को बल्कि प्रदेशों में स्थाई तौर पर निवास करने वाले केंद्रीय सरकार के लाखों सिविलियन कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

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