
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध के बावजूद भी नजफगढ़ में हर चैराहे व गलियों के नुक्कड़ों पर खुलेआम तंबाकू उत्पाद बिक रहे है और अधिकारी इस पर कोई ध्यान नही दे रहे है। जिसकारण पान व तंबाकू खाने वाले सरेराह थूक कर न केवल कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहे है बल्कि क्षेत्र में आम आदमी की परेशानी भी बढ़ा रहे है। वही प्रशासन इनके खिलाफ कोरोना के नाम पर जीविका को लेकर कोई कार्यवाही नही कर रहा है जबकि दिनोंदिन कोरोना का संक्रमण क्षेत्र में बढ़ता ही जा रहा है।
यहां बता दें कि करीब चार साल पहले सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों के रखरखाव, उत्पादन और उसकी बिक्री पर रोक लगाई गई थी। जिसके बाद गत महीने जुलाई में सरकार द्वारा प्रतिबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। यही कारण था कि बाजारों में तंबाकू उत्पादों को लेकर ब्लैक में बिक्री भी शुरू हो गई थी और लोग चोरी छिपे तंबाकू उत्पादों को बेच रहे थे, लेकिन अब यह तस्वीर और भी भयावह हो चुकी है। क्योंकि, अब खुले में बड़ी आसानी से तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं। नजफगढ़ फिरनी के प्रत्येक चैराहे व कालोनियों में गलियों के नुक्कड़ों पर बिड़ी, सिगरेट, पान व तंबाकू छोटे खोखों व दूकानों पर खुले आम बिकता नजर आ जाता है। इतना ही नही रोजाना यहां से अधिकारी भी गुजरते है लेकिन कोई भी इन दूकानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही करता है। इस संबंध में निगम एक निगम निरिक्षक ने बताया कि नजफगढ़ निगम जोन चेयरपर्सन सुमन डागर ने रेहड़ियों व खोखों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही करने के आदेश दिये हुए है जिसकारण हम कार्यवाही नही कर पा रहे है। तंबाकू उत्पादों के अलावा भी नजफगढ़ की सड़कों व बाजारों में खुलेआम खुला खाने का सामान परोसा जा रहा है और अधिकारी आंखें मूंदे हुए है। जिसकारण क्षेत्र में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा काफी बढ़ गया है। यहां तक की ऐसे भी दूकानदार है जो कोरोना से पीड़ित है लेकिन फिर भी अधिकारियों से सांठगांठ कर दूकाने खोल रहे है और नजफगढ़ में कोरोना के संवाहक का काम कर रहे हैं।
इस संबंध में एसडीएम सतीश कुमार गुप्ता का कहना है कि हम नियमों के तहत कार्यवाही कर रहे है लेकिन आज तक कहां और किन पर कार्यवाही की इसका उनके पास कोई रिकार्ड नही है। जिससे यह साफ हो जाता है कि अधिकारी नजफगढ़ में किस कारण से इतनी लापरवाही बरत रहे है यह किसी की समझ में नही आ रहा है। जबकि आरडब्लयूए अध्यक्ष कमलदीप व सत्यदेव का कहना है कि निगम व दिल्ली सरकार के अधिकारियेों की मिली भगत से सब गोरख धंधा चल रहा है अधिकारियों को अपनी मंथली से मतलब है। उन्हे लोग जिये या मरे इससे कोई मतलब नही।
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