दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने दबोचा भगोड़ा अपराधी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

June 2023
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
2627282930  
June 2, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने दबोचा भगोड़ा अपराधी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पैरोल पर जाने के बाद फरार हुए एक खतरनाक अपराधी को स्पेशल सेल की टीम ने पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। आरोपी मकोका मामले भी वांछित है। पकड़ा गया आरोपी अरशद उर्फ अरशद आलम पिछले एक साल से पैरोल पर जाने के बाद से फरार था।
इस संबंध में डीसीपी प्रमोद कुशवाह साउदर्न रेंज ने बताया कि एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में स्पेशल सेल, इंस्पेक्टर शिव कुमार के नेतृत्व में और इंस्पेक्टर करमवीर सिंह स्पेशल सेल की एक टीम ने एक कुख्यात और भगोड़े अपराधी अरशद उर्फ अरशद आलम उम्र 43 वर्ष खालापार, मुजफ्फरनगर, यूपी। आरोपी अरशद आलम को टैंक चैक, खालापार, मुजफ्फर नगर, यूपी से गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि 14 मई 20 को एएसजे, विशेष न्यायाधीश (मकोका), पटियाला हाउस कोर्ट्स, नई दिल्ली के कोर्ट द्वारा मकोका अधिनियम की धारा 3(1) के तहत 20 साल यानी 10 साल और अन्य 3(4) के तहत अरशद आलम को दोषी ठहराया गया था। मकोका,थाना स्पेशल सेल के प्रावधानों के तहत मामले की सजा सुनाते समय, अरशद आलम को माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 03. दिसम्बर 2019 को 7 दिन की पैरोल दी गई थी, लेकिन वह उसके बाद फरार हो गया। माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरशद आलम के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
एक टीम इंस्पेक्टर के नेतृत्व में शिव कुमार को अरशद आलम को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था। अभियुक्त ने अपने संपर्कों, परिवार के सदस्यों, दोस्तों और सहयोगियों के साथ अपने सभी लिंक काट दिए। वह पिछले 9 महीनों के दौरान यूपी के विभिन्न स्थानों पर अपने ठिकाने बदलता रहा। भगोड़े के गतिविधियों के बारे में आवश्यक जानकारी एकत्र की गई और उनके ठिकानों पर निगरानी बढ़ाई गई। 9 महीनों से अधिक के प्रयासों के बाद, 18. सितंबर 20 को विशिष्ट जानकारी मिली कि अरशद आलम यूपी के टैंक चैक, खालापार, मुजफ्फरनगर के पास आएगा। यूपी के मुजफ्फरनगर में पहले से ही स्पेशल सेल की एक टीम ने जाल बिछाया और अरशद आलम को वहां से धर दबोच लिया गया।
अरशद आलम विपिन शर्मा के नेतृत्व वाले कुख्यात गैंग के सदस्य हैं जो अरशद आलम के बहनोई हैं। कहा जाता है कि 6 सदस्यों वाले गिरोह ने वर्ष 2009 में लाजपत नगर इलाके में “।त्ल्।छ भ्व्स्प्क्।ल्ै” के नाम से एक ट्रैवल एजेंसी चलाई थी और वे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में भोली-भाली जनता को धोखा देते थे और उन्हें विदेश भेजने के आड़ में उनके पैसे का गबन करते थे। अरशद आलम और उनके सहयोगियों ने जाली वीजा पर न्यूजीलैंड, कनाडा आदि सहित विभिन्न देशों में लोगों को भेजकर मोटी कमाई की। इस सिंडिकेट के सदस्यों की गिरफ्तारी के समय, फर्जी वीजा, फर्जी पैन कार्ड, फर्जी आईडी, फर्जी दस्तावेज पर जारी किए गए कई जाली पासपोर्ट उनके कार्यालय से और गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से भी बरामद किए गए। अभियुक्तों को स्पेशल सेल द्वारा मकोका के एक मामले में वर्ष 2009 में दर्ज किया गया था।
एएसजे के माननीय ट्रायल कोर्ट, विशेष न्यायाधीश ने 14 मई 2019 को डब्व्ब्। के प्रावधानों के तहत इस सिंडिकेट के सभी 6 सदस्यों को दोषी ठहराया था। माननीय न्यायालय ने रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया था। आरोपी व्यक्तियों पर 1.25 करोड़ रुपए की राशि 33,80,000 ध् – इस जुर्माना राशि से माननीय न्यायालय द्वारा इस मामले के 11 पीड़ितों को मुआवजे के रूप में वितरित किए जाने का आदेश दिया गया था। यह दिल्ली में मकोका के तहत पहला दोषी था। इस सिंडिकेट के सदस्य दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में धोखाधड़ी और जालसाजी के 31 मामलों में शामिल थे। मकोका मामले में फरार होने के अलावा, अरशद आलम ने दिल्ली के 3 आपराधिक मामलों में अदालतों में भाग नहीं लिया। इन मामलों में अपराधी घोषित करने की कार्यवाही चल रही है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox