नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- एशिया के सबसे बड़े आयुर्वेदिक चरक संस्थान को कुछ लोग बदनाम करने की साजिश कर रहे है। इसके पीछे उनका क्या मकसद है यह तो वही जाने लेकिन इससे अस्पताल के कामकाज पर विपरीत असर जरूर पड़ता है। हालांकि अस्पताल को बदनाम करने के लिए लोग ऐसे काम तक कर देते हैं जिनका अस्पताल से कोई संबंध नही होता है। फिर भी अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक डा. एन आर सिंह का कहना है कि अगर किसी को कोई शिकायत है तो वो हमसे आकर मिले। हम उसकी शिकायत का समाधान करेंगे व जवाब देंगे। वरना ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
जब से अस्पताल में कोरोना के ईलाज के लिए आइसोलशन सैंटर बनाया गया है तब से अस्पताल के खिलाफ कुछ लोग जानबूझकर आवाज उठा रहे हैं। इस समय अस्पताल के कर्मी व चिकित्सक कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे है। फिर भी उनकी प्रंशसा करने की बजाये कुछ लोग उनका मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहे है। इस संबंध में अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक डा. एन आर सिंह ने बताया कि कोरोना आईसोलेशन वार्ड को लेकर कुछ अस्पताल के कर्मी ही साजिश रच रहे है और उनके साथ बाहर के लोग मिले हुए है। दरअसल अस्पताल कर्मी नही चाहते कि कोरोना में उनकी ड्यूटी लगे जिसे देखते हुए वो लोग इस सैंटर को बंद करवाने के लिए अस्पताल को बदनाम करना चाहते है। लेकिन मै बता दूं कि अस्पताल में आज की तारीख में कुल 112 कोरोना के मरीज है। इनमें से जो आरंभ में 31 मरीज आये थे उनमें से 27 मरीजों की रिपोर्ट ईलाज के बाद नेगेटिव आई है और 5 मरीज ऐसे है जिनकी दोनो रिपोर्ट नेगेटिव आई है और उन्हे अस्पताल से छूट्टी दी जा रही है। आज एक महिला मरीज के ठीक होने के बाद उनको छुट्टी दी गई है। उन्होने बताया अस्पताल में मरीजों को ईलाज के साथ-साथ हैप्पीनेश क्लास व लाफ्टर थैरेपी दी जाती है। उन्हे शंसमनी वटी, नागराधीपात काढ़ा जिसमें अदरक व आंवला मिलाकर, मूंग की दाल का सूप व गोल्डन मिल्क हल्दी डालकर रोजाना दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि ससमनी वटी में गुडुची अर्थात गिलोय होती है जो इस रोग में मरीज को काफी फायदा पंहुचाती है। सुबह-शाम योगा व भक्ति गीतों के माध्यम से उन्हे उत्सर्जित किया जाता है। उन्होने कहा कि जिस तरह से अस्पताल के खिलाफ विडियों बनाकर डाले जा रहे है वो सभी गलत हैं। एक विडियों में अस्पताल के बाहर जो पीपीई किट व मास्क पड़े हुए दिखाये जा रहे है और कोरोना फैलने का हव्वा खड़ा किया जा रहा है वह अस्पताल के खिलाफ एक साजिश है। उन्होने बताया कि जो पीपीई किट दिखाई जा रही वह अस्पताल की नही है। यहां पीपीई किट पर बीएमडब्ल्यू का मार्का होता है लेकिन बाहर की किट पर ऐसा नही है जिससे ऐसा लगता है कि विडियोकर्ता या साजिशकर्ता ने अस्पताल को बदनाम करने के लिए ऐसा किया है। उन्होने साथ में ये भी कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत है तो वो हमसे आकर मिले हम उसकी समस्या का समाधान करेंगे। वर्ना इस तरह अस्पताल के खिलाफ साजिश करना गलत है। और अस्पताल इसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा।
वहीं इस संबंध में अस्पताल की निदेशक प्रो. विदुला गुज्जरवार ने बताया कि अस्पताल से पीपीई किट किसी भी सूरत में बाहर नही जा सकती। चिकित्सक व अस्पताल स्टाफ उन्हे अस्पताल में ही बदलता है और उनका ठहरने का इंतजाम भी अस्पताल में ही किया हुआ है जिसकारण वो लोग बाहर नही जाते। तथा किटों को अस्पताल में ही डिस्पोज किया जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे है जो कोरोना आइसोलेशन को लेकर डरे हुए है और इसको लेकर हव्वा बनाये हुए हैं। हमे लगता है इस साजिश में उनका भी हाथ हो सकता है। अस्पताल प्रशासन इसकी पुलिस में रिपोर्ट कर जांच करायेगा और अस्पताल के खिलाफ साजिश करने वालों को पकड़ा जायेगा। हम अपने चिकित्सकांें का मनोबल बढाने की बजाये गिराने का काम कर रहे है जो अस्पताल के साथ-साथ मरीजों के लिए भी काफी आघात भरा कदम होगा। उन्होने कहा कि दिल्ली सरकार को भी इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है ताकि ऐसे लोगों को बेनकाब कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सके।
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