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    तिहाड़ जेल में लग रही कक्षाऐं, विदेशी भाषाएं सीख रहे कैदी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर तिहाड़ जेल पहुंचे कैदियों की परिसर में कक्षाएं लगती हैं। इनमें शिक्षक भी कैदी होते हैं और छात्र भी। रोजाना एक से डेढ़ घंटे के बीच अनपढ़ कैदियों को लिखना-पढ़ना सिखाया जाता है। वहीं, पढ़े-लिखे कैदी उच्चतर कक्षाओं के लिए खुद को तैयार करते हैं। दिलचस्प यह कि विदेशी कैदी इन कक्षाओं में भारतीय भाषाओं को ज्ञान हासिल करने में कामयाब रहते हैं।
    जेल प्रशासन के मुताबिक, जेल में बंद कैदी एक दूसरे की मातृभाषा भी सीखते हैं। तिहाड़ जेल में बंद विदेशी कैदी जहां हिंदी सीखते हैं। वहीं, भारतीय कैदी उनकी भाषाओं में महारत हासिल करते हैं। इसके पीछे कैदियों का मकसद एक  दूसरे के भाषाओं को सीखने के साथ साथ उनकी रहन सहन को जानना है। खेल खेल में पढ़ाई जेल के खालीपन को दूर करने का एक जरिया भी है। जेल में देशी व विदेशी कैदी बंद है। विदेशी कैदियों में नाइजीरिया, नेपाल, बंग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अलावा अन्य देश के कैदी हैं।
    जेल प्रशासन का कहना है कि इस अभियान का असर है कि अनपढ़ कैदी भी अंगूठे की जगह हस्ताक्षर करते नजर आते हैं। कैदियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें पोस्टकार्ड मुहैया करवाते हैं। इसके जरिए कैदी अपने परिचित और रिश्तेदारों को मन की बात लिखकर भेजते हैं। तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से कैदियों को शिक्षित करने के लिए पढ़ो पढ़ाओ अभियान चलाया जाता है। इसका मकसद कैदियों को शिक्षित करना होता है। इससे वह जेल से निकलने के बाद अपराध की ओर न जाकर खुद आत्मनिर्भर बन जाते हैं।

    जेल में चल रहा है पढ़ो पढ़ाओ अभियान
    तिहाड़ में बंद नब्बे फीसदी कैदी गरीब तबके के हैं। इसमें से ज्यादातर विधिवत शिक्षा से वंचित रहे हैं। ऐसे कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जेल प्रशासन ने जेल में पढो-पढ़ाओ  अभियान की शुरूआत की। जेल संख्या एक से इस अभियान की शुरूआत की गयी। जेल में ऐसे भी कैदी आते है, जिन्हें गिनती या फिर हिसाब-किताब का ज्ञान नहीं होता है। ऐसे कैदियों को विशेष साफ्टवेयर से व्यवहारिक तरीके से गणित का ज्ञान दिया जाता है। इससे कैदी जोड़, घटाव, गुणा और भाग सीखते हैं। इसके अलावा उन्हें गृहकार्य भी दिया जाता है ताकि उन्हें हर तरह से शिक्षित किया जा सके। जेल अधिकारियों का कहना है कि पढ़ाई शुरू करने के बाद कैदियों में आत्म विश्वास का संचार होता है। ऐसे कैदियों को जेल से निकलने के बाद रोजगार पाने में दिक्कत पेश नहीं आती है। क्योंकि वह भी एक पढ़े लिखे व्यक्ति की तरह रोजगार की तलाश करते हैं। 
    जेल प्रशासन की हर संभव कोशिश रहती है कि जेल से निकलने के बाद व्यक्ति अपने दम पर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो। इस बात को देखते हुए ही जेल प्रशासन कैदियों को न सिर्फ शिक्षा बल्कि कई तरह की तकनीकी शिक्षा भी मुहैया करवायी जा रही है। कोरोना काल में बाहर के लोगों के आने पर पाबंदी की वजह से शिक्षित कैदी ही अन्य कैदियों को शिक्षा दे रहे हैं। -तिहाड़ जेल महानिदेशक, संदीप गोयल 

    राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय व इग्नू के सेंटर में पढ़ते हैं कैदी
    तिहाड़ जेल नंबर तीन में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान व इग्नू के सेंटर में पढ़े लिखे कैदी अनपढ़ कैदियों को पढ़ाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि गैर सरकारी संगठन व शिक्षित कैदी पढ़ाई के इच्छुक कैदियों को पढ़ाते हैं। कोरोना की वजह से बाहर के लोगों के जेल में प्रवेश की अनुमति नहीं होने से शिक्षित कैदी ही इस जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं। जेल के इग्नू सेंटर से सैकड़ों कैदी प्रोफेशनल कोर्स भी कर रहे हैं। जेल से निकलने के बाद कोर्स करने वाले कैदियों को नौकरी मिलना आसान हो जाता है। 

    जेल प्रशासन के पास नौकरी पाने वाले कैदियों के आंकड़े मौजूद नहीं 
    कुछ साल पहले तक जेल प्रशासन कैदियों को नौकरी दिलाने के लिए उनका प्लेसमेंट करा चुके हैं। लेकिन प्रशासन के पास कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने कैदी सजा काटने के बाद नौकरी कर रहे हैं। जेल सूत्रों की माने तिहाड़ जेल में सात बार कैंपस प्लेसमेंट हुआ था। कैदियों को नौकरी देने का आश्वासन भी मिला। लेकिन प्रशासन को
    इसकी जानकारी नहीं है कि जेल से निकले कैदी उन कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं या नहीं। 

    कैदियों में शिक्षा का स्तर
                              पुरुष कैदी            महिला कैदी
    . अनपढ़                    21.40                33.86
    . दसवीं से कम पढ़े        40.75                37.04
    . स्नातक से कम पढ़े        29.75                15.10
    . स्नातक                        5.96                8.27
    . स्नातकोत्तर                   1.60                4.13
    . तकनीकी शिक्षा             0.76                1.59

    तिहाड़ के जेलों में बंद दिल्ली व बाहर के कैदियों की संख्या
                          पुरुष कैदी            महिला कैदी
    . दिल्ली             72.81                72.81
    . अन्य राज्यों       24.66                24.66
    . अन्य देशों          2.53                2.53

    तिहाड़ जेल में बंद कैदियों की संख्या 
                       क्षमता                 मौजूद कैदी
    पुरुष कैदी        9385                15153
    महिला कैदी        648                408
    कुल                10033                15661

    तिहाड़ में विदेशी कैदियों की संख्या 
                            पुरुष कैदी        महिला कैदी
    सजायाफ्ता             69            06
    विचाराधीन             298            44
    अन्य                     09            00
    कुल                      376            50
     

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