• DENTOTO
  • दुनिया को डराता हुआ धरती की बगल से गुजर गया एस्टेरॉयड-1998 ओ आर-2

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 23, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    दुनिया को डराता हुआ धरती की बगल से गुजर गया एस्टेरॉयड-1998 ओ आर-2

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अंतरिक्ष में रोजाना कोई न कोई नयी घटना होती ही रहती है इसका हमारी पृथ्वी पर क्या असर पड़ता है इसको लेकर दुनिया के वैज्ञानिक हमेशा अंतरिक्ष पर नजर बनाये रखते है। बुधवार को जिस विशालकाय एस्टेराइड-1998 ओ आर-2 को लेकर बड़ी-बड़ी भविष्यवाणियां की जा रही थी वह धरती के करीब 63 लाख किलोमीटर दूर से शांति से गुजर गया। इसके गुजरने के साथ ही वैज्ञानिको ने भी चैन की सांस ली। हालांकि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नही बताया जा रहा था लेकिन एक खगोलिय घटना होने के कारण पूरी दुनिया की इस पर नजर टिकी हुई थी। इसके पहले ये एस्टोरॉयड 12 मार्च 2009 को 2.68 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरा था।
                                           इस संबंध में नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि एस्टेरॉयड 1998 ओ आर 2 अब 11 साल बाद फिर धरती के करीब से गुजरेगा लेकिन उसकी दूरी 1.90 करोड़ किलोमीटर होगी। यह हर 11 साल के अंतराल पर धरती के आसपास से गुजर जाता है। 2031 के बाद 2042, फिर 2068 और उसके बाद 2079 में यह धरती के बगल से निकलेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि 2079 में यह धरती के बेहद करीब से निकलेगा। उस समय इसकी दूरी अभी की दूरी से 3.5 गुना कम होगी। यानी अभी वह 63 लाख किलोमीटर की दूरी से निकला है तो 2079 में वह 17.73 लाख किलोमीटर की दूरी से निकलेगा जो इस एस्टेरॉयड की धरती से सबसे कम दूरी होगी। उस समय क्या होगा यह अभी नही कहा जा सकता।
                                       आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड को लेकर अगले 177 साल का कैलेंडर बना रखा है. इससे यह पता चलेगा कि यह एस्टेरॉयड कब-कब धरती से कितनी दूरी से निकलेगा। 2079 के बाद एस्टेरॉयड 1998 ओ आर 2 साल 2127 में पृथ्वी से करीब 25.11 लाख किलोमीटर की दूरी से निकलेगा। वैज्ञानिकों ने इसे पोटेंशियली हजार्ड्स ऑब्जेक्टस (पीएचओ) की श्रेणी में रखा है। अगर 2079 और 2127 में कोई गड़बड़ नहीं हुई तो उसके बाद यह एस्टेरॉयड धरती के लिए खतरा नहीं रहेगा। नासा का कहना था कि इस एस्टेरॉयड से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह इस बार धरती से करीब 63 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। अंतरिक्ष विज्ञान में यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती लेकिन कम भी नहीं है।
                                             नासा ने बताया कि एस्टेरॉयड 1998 ओ आर 2 का व्यास करीब 4 किलोमीटर है। इसकी गति करीब 31,319 किलोमीटर प्रतिघंटा है, यानी करीब 8.72 किलोमीटर प्रति सेंकड. ये एक सामान्य रॉकेट की गति से करीब तीन गुना ज्यादा है। यह एस्टेरॉयड सूरज का एक चक्कर लगाने में 1,340 दिन या 3.7 वर्ष लेता है। इसके बाद एस्टरॉयड 1998 ओ आर 2 का धरती की तरफ अगला चक्कर 18 मई 2031 को हो सकता है. तब यह 1.90 करोड़ किलोमीटर की दूरी से निकल सकता है।
                                       खगोलविदों के मुताबिक ऐसे एस्टेरॉयड का हर 100 साल में धरती से टकराने की 50,000 संभावनाएं होती हैं. लेकिन, किसी न किसी तरीके से ये पृथ्वी के किनारे से निकल जाते हैं। खगोलविदों के अंतरराष्ट्रीय समूह के डॉ. ब्रूस बेट्स ने ऐसे एस्टेरॉयड को लेकर कहा कि छोटे एस्टेरॉयड कुछ मीटर के होते हैं. ये अक्सर वायुमंडल में आते ही जल जाते हैं। इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है। बता दें कि साल 2013 में लगभग 20 मीटर लंबा एक उल्कापिंड वायुमंडल में टकराया था। एक 40 मीटर लंबा उल्का पिंड 1908 में साइबेरिया के वायुमंडल में टकरा कर जल गया था।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox