
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/रोहतक/हरियाणा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पंजाब निकाय चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ करने में मिली सफलता से उत्साहित भारतीय किसान यूनियन के नेता अब पश्चिम बंगाल के चुनावी दंगल में राजनीतिक पार्टियों के साथ कूदने को तैयार हैं। हालांकि किसी पार्टी के साथ जुड़कर किसान नेता काम करेंगे या फिर अकेले भाजपा को नुकसान पंहुचाने के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे इसका किसान नेताओं की तरफ से कोई खुलासा नही किया गया है। हालांकि किसान नेता टिकैत का कहना है कि केंद्र के लाए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का अगला पूरे देश में इस आंदोलन को खड़ा करने के साथ-साथ बंगाल भी लक्ष्य होगा। वहीं किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि वे चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में भी सभाएं करेंगे। वहीं एक किसान नेता ने संकेत दिया कि वे जनता से ऐसे लोगों को वोट नहीं देने को कहेंगे जो किसानों की आजीविका छीन रहे हैं। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि अगर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लोग हार जाते हैं तभी उनका आंदोलन सफल होगा।
किसान नेताओं ने मंगलवार को गढ़ी सांपला में किसान महापंचायत से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कि कई अन्य राज्यों की तरह वे जल्दी ही पश्चिम बंगाल का भी दौरा करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा, श्हम पूरे देश का दौरा करेंगे, हम पश्चिम बंगाल भी जाएंगे। पश्चिम बंगाल में भी किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हें अपनी फसलों के लिए अच्छी कीमतें नहीं मिल रही हैं। टिकैत ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा, श्हम देश भर में पंचायतों का आयोजन करेंगे। हम गुजरात, महाराष्ट्र, अन्य स्थानों पर जाएंगे… हम पश्चिम बंगाल जाएंगे और वहां भी एक बड़ी सभा करेंगे। पश्चिम बंगाल के किसान राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र के साथ कुछ समस्याओं का सामना कर रहा है। हम वहां भी एक पंचायत आयोजित करेंगे। हालांकि टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, पश्चिमी बंगाल में चुनावी प्रचार मामला नहीं है, हम किसानों के मुद्दों को लेकर वहां जाएंगे। हालांकि, हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने महापंचायत को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि वे पंचायत से संसद तक के चुनाव में ऐसे किसी व्यक्ति को वोट नहीं दें जो प्रदर्शनकारी किसानों की मदद नहीं करते हैं और उनके आंदोलन को समर्थन नहीं देते।
बाद में टिकैत और कुछ अन्य किसान नेताओं के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए चढूनी ने कहा, जहां तक पश्चिम बंगाल का संबंध है, अगर भाजपा के लोग हार जाते हैं, तभी हमारा आंदोलन सफल होगा। पश्चिम बंगाल में भी लोग कृषि पर निर्भर हैं। हम वहां जाएंगे और किसानों से आग्रह करेंगे कि वे उन्हें वोट नहीं दें जो हमारी आजीविका छीन रहे हैं। टिकैत ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे 40 नेता पूरे देश का दौरा करेंगे ताकि आंदोलन को समर्थन मिले। चढूनी ने कहा कि सरकारें लोगों से ऊपर नहीं हैं और उन्हें आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा, श्हमें तब तक लड़ना है जब तक हमें अपने अधिकार नहीं मिल जाते, भले ही इसका मतलब अंतिम सांस तक लड़ना हो।
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