• DENTOTO
  • सूडान में आम जनता हो रही जलकर खाक  71 लाख लोगों ने छोड़ा अपना घर जबकि 11 लाख लोगों ने ली विदेशों में शरण

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    August 2025
    M T W T F S S
     123
    45678910
    11121314151617
    18192021222324
    25262728293031
    August 1, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    सूडान में आम जनता हो रही जलकर खाक  71 लाख लोगों ने छोड़ा अपना घर जबकि 11 लाख लोगों ने ली विदेशों में शरण

    नजफगढ़ मेट्रो न्यूज /सूडान / मानसी शर्मा – सूडान में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं, देश पर नियंत्रण पाने के लिए सूडानी सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच खूनी संघर्ष नहीं रुक रहा है। ऐसे में सूडान की आम जनता गृह युद्ध की आग में जल रही है। इस बीच रविवार को राजधानी खार्तूम में हुए ड्रोन हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

    द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, खार्तूम के एक बाजार में हुए हवाई हमले में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि ड्रोन हमले से 36 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए बशीर यूनिवर्सिटी अस्पताल ले जाया गया है।रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक यह साफ नहीं है कि रविवार के ड्रोन हमले के पीछे किस पार्टी का हाथ है। लेकिन इस हवाई हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। गौरतलब है कि सूडान में 5 अप्रैल को शुरू हुए गृहयुद्ध के बाद नागरिकों की मौत की यह सबसे बड़ी संख्या है।

    दक्षिणी खार्तूम आपातकालीन कक्ष नामक स्थानीय स्वयंसेवकों के एक समूह द्वारा साझा की गई तस्वीरों में कई महिलाएं और पुरुष घायल हुए हैं और शरीर कपड़ों से ढके हुए हैं। द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में रॉयटर्स के हवाले से लिखा है कि जिस इलाके में हवाई हमले हुए हैं वह जाहिर तौर पर आरएसएफ के नियंत्रण में है।

    रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना के बाद आरएसएफ ने एक बयान में सूडानी सेना पर हमले का आरोप लगाया. हालाँकि, सूडानी सेना ने जिम्मेदारी से इनकार किया और आरएसएफ को दोषी ठहराया। ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दुल्ला ने रॉयटर्स को बताया कि हमारा उद्देश्य केवल विभिन्न क्षेत्रों में दुश्मन समूहों और स्टेशनों पर हमला करना है।

    अगस्त के संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, सेना और आरएसएफ के बीच संघर्ष में 4,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जारी संघर्ष के बीच बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ चुके हैं। हिंसा के कारण करीब 71 लाख लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है, जबकि 11 लाख लोगों ने विदेशों में शरण ली है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox