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    प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रशासन दिखा सख्त, डीसी ने दिये अधिकारियों को निर्देश

    -झज्जर जिला में सीएक्यूएम नीति की पूरी सख्ती से पालना की जाए सुनिश्चित, निगरानी के लिए बनाई जिला स्तरीय कमेटी

    झज्जर/- डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से व्यापक नीति बनाते हुए बड़ा कदम उठाया गया है। वायु प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित और कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, जीएनसीटीडी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनसीआर के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्र की एजेंसियों और विभागों के लिए एक व्यापक नीति तैयार की है, जिसकी जिला में दृढता से पालना की जाएगी। उन्होंने यह बात सोमवार को लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। इससे पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के चेयरपर्सन एमएम कुट्ट ने वीडियों कांफ्रेंस से प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों की समीक्षा की। चैयरमैन के साथ हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल, कृषि विभाग की एसीएस डा. सुमिता मिश्रा तथा हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चैयरमेन भी वीसी से जुड़े।
                  डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने वीसी के उपरांत संबंधित अधिकारियों को झज्जर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की नीति की पूरी सख्ती से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि आयोग का मानना है कि वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विभिन्न क्षेत्रों पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। पराली के समुचित प्रबंधन के साथ ही समय-समय पर वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार के आधार पर निर्णय की समीक्षा की जाएगी। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने किसानों से भी अपील करते हुए कहा कि वे पराली जलाने की बजाए उसका उचित प्रबंध करें, अगर जिला में कोई भी किसान पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो उस पर जुर्माना का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल की कटाई के बाद खेत में फसलों के बचे हुए अवशेष जिसे पराली कहा जाता है। इसका उचित निपटान करने के बाद ही किसान खेत में अगली फसल की तैयार करना शुरू करते हैं। साथ ही डीसी ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. इंद्र सिंह को जिंगल तथा आईईसी एक्टीविटी के माध्यम से गांव-गांव में किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करने केआदेश दिए। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए किसान सरकार की विभिन्न योजनाओं को अपनाकर उनका लाभ उठाएं।

    फसल अवशेष जलाकर पर्यावरण प्रदूषण करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, कमेटी गठित : डीसी
    डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि आयोग व एनजीटी के साथ-साथ जिला प्रशासन फसल अवशेष जलाकर पर्यावरण प्रदूषण करने वालों के भी चालान किए जाएंगे। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति फसल अवशेष न जलाएं इसके लिए विशेष निगरानी रखें तथा इसकी मॉनिटरिंग के लिए उपमंडल स्तर, खंड स्तर व गांव स्तर पर कमेटी गठित की गई हैं। उपमंडल स्तरीय कमेटी में संबंधित एसडीएम, तहसीलदार, एसडीएओ, एपीपीओ, एएससीओ व एसएमएस, बीडीपीओ, एसडीएम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खंड स्तरीय कमेटी में संबंधित खंड कृषि अधिकारी, नायब तहसीलदार व बीडीपीओ तथा गांव स्तरीय कमेटी में कृषि विकास अधिकारी, बीटीएम, एटीएम व सुपरवाइजर, राजस्व पटवारी, ग्राम सचिव सहित नंबरदार व सरंपच शामिल रहेंगे। इस अवसर पर डीएमसी जगनिवास, बेरी के एसडीएम रविंद्र मलिक, सीटीएम परवेश कादियान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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