नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/साईंस न्यूज/शिव कुमार यादव/- सोमवार को अमेरिका के टेक्सास शहर से अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट ’स्टारशिप’ लॉन्च होना था। तकनीकी खराबी की वजह से इसके लॉन्च की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। ये रॉकेट एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने बनाया है। नासा स्टारशिप के लैंडर से ही अपने ’आर्टेमिस’ मून मिशन को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। इसमें इंसान को चांद पर भेजा जाएगा।
नासा ने मस्क की कंपनी के साथ इस मिशन के लिए 23 हजार करोड़ और 9 हजार करोड़ रुपए के दो कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। इसे दुनिया में एक बार फिर चांद को फतह करने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, पिछले 60 सालों में 40 फीसदी मून मिशन फेल हुए हैं।
अंतरिक्ष अनुसंधान एक बहुत ही महंगा और उत्कृष्ट प्रयास होता है। इसमें तकनीकी और ताकतवर अभियांत्रिकी का उपयोग किया जाता है, जो खर्चीले होते हैं। मून मिशन एक बहुत ही विशाल और उत्कृष्ट मिशन है जिसमें उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।यह सत्य है कि इन मिशनों में असफलताएं भी होती हैं। लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि इन मिशनों से हमें बहुत सारी जानकारी और अनुभव प्राप्त होता है जो भविष्य में इस क्षेत्र में अधिक सफलता के लिए उपयोगी होती है।इसलिए, अगर अमेरिका या अन्य देशों ने भारी खर्च करके अंतरिक्ष में मिशन भेजे हैं, तो इसमें उन्हें कोई अपशब्द नहीं देना चाहिए। यह एक बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण बात है।इलॉन मस्क जैसे उद्यमी ने भी इस क्षेत्र में बहुत सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने नामी अंतरिक्ष कंपनी स्पेस एक्स को स्थापित किया है और उनके नेतृत्व मुश्किल से भी मुश्किल होगा कि एकल से सभी भुखमरी के समस्याओं का समाधान हो सके। स्पेस मिशन केवल एक पहलू है जो संभवतः जीवन को दूरस्थ स्थानों से संबंधित समस्याओं का हल प्रदान कर सकती है।इसके अलावा, एक सफल अंतरिक्ष मिशन विस्तृत और विशाल टीमवर्क को आवश्यक बनाता है। इसके लिए एकल व्यक्ति के बजाय एक संगठन या देश जैसे कि यूएस नेशनल एयर एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन जैसी अधिकारिक संगठन अधिक उपयुक्त हो सकते हैं।अंततः, भुखमरी समस्या एक विश्वव्यापी समस्या है जिसका समाधान केवल अंतरिक्ष उपयोग से नहीं हो सकता। यहां उचित संसाधन प्रबंधन, बीज की उपलब्धता, एक अच्छा अन्न सुरक्षा नीति और लोगों की उचित सेहत सेवाएं जैसी समस्याओं के समाधान की आवश्यकता होती है।
भुखमरी समस्या जैसी समस्याओं के समाधान के लिए संसाधन प्रबंधन, बीज की उपलब्धता, एक अच्छा अन्न सुरक्षा नीति और लोगों की उचित सेहत सेवाएं जैसी आवश्यकताएं होती हैं।अधिकतम उत्पादकता के साथ संसाधन प्रबंधन एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उत्पादक खेती, पशुपालन और मछली पालन जैसी कृषि और पशुपालन सेक्टर में नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर संभव है। इसके साथ ही, समुद्री खाद्य संचयन के लिए जलीय खेती जैसे नए तकनीकी उपाय भी विकसित किए जा रहे हैं।बीज की उपलब्धता भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। संशोधित बीजों के उत्पादन और उन्हें उपयोग में लाने के लिए वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों का उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही, समुदाय के सदस्यों को खेती और बीज के उत्पादन के लिए प्रशिक्षित करना भी आवश्यक है।
अन्न सुरक्षा नीति के अंतर्गत, सरकार और संगठनों को अपनी क्षमताओं के अनुसार खाद्य सुरक्षा के लिए संचालन करना चाहिए। यह नीति भुखमरी से जूझ रहे लोगों के लिए स्वस्थ खाद्य उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती है।इसके लिए, सरकारों और संगठनों को खाद्य सुरक्षा के लिए उचित नीतियों का विकास करना चाहिए जो खाद्य उत्पादन, भंडारण, वितरण, और उपयोग को सुनिश्चित करती हैं। इसके अलावा, संगठनों और सरकारों को खाद्य सुरक्षा के लिए समुदायों के साथ सहयोग करना चाहिए। अन्न सुरक्षा नीति के तहत, संगठनों और सरकारों को खाद्य सुरक्षा के लिए स्थानीय खाद्य उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके साथ ही, संगठनों और सरकारों को स्थानीय विविधता को संवारने के लिए समुदायों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। इस प्रकार, एक अच्छी खाद्य सुरक्षा नीति समूचे खाद्य सुरक्षा के चैनल को मजबूत बनाने में मददगार हो सकती है। यह समस्याओं के समाधान के साथ-साथ, स्थानीय समुदायों के विकास और अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में भी मदद कर सकती है।
आप बिल्डिंग स्थान निर्माण या अन्य परियोजनाओं के दौरान स्थानीय समुदायों को सम्मिलित करने और उन्हें विकास और अर्थव्यवस्था के लिए समर्थन देने में मदद कर सकते हैं। यह सामाजिक, आर्थिक, और वातावरणीय रूप से स्थानीय समुदायों का विकास बढ़ाता है और उन्हें अपने स्थानों के साथ जुड़े रहने में मदद करता है। आप इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संबंधित स्थानों और संगठनों से सहयोग भी कर सकते हैं।
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