नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई नहीं की। इसे लेकर राज्यसभा सांसद और सीनियर वकील कपिल सिब्बल भड़के हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को हमें बताना चाहिए कि किस मामले में हम यहां आ सकते हैं और किस मामले में हम यहां नहीं आ सकते। उन्होने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट हमारी बात नही सुनेगा तो कौन सुनेगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए। हाई कोर्ट भी संवैधानिक अदालत है और वो भी मामले पर विचार करने में उतनी ही सक्षम है। इसी मामले को लेकर सांसद और सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बीजेपी के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट पर भी बयान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी हाई कोर्ट जाने की सलाह
ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इनकार कर दिया। इस पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के इतिहास में शायद ही ऐसा कुछ हुआ होगा जब एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया हो। सुप्रीम कोर्ट को हमें बताना चाहिए कि किस मामले में हम यहां आ सकते हैं और किस मामले में हम यहां नहीं आ सकते। कपिल सिब्बल ने कहा कि हेमंत सोरेन ने 2005 के बाद कोई प्रॉपर्टी खरीदी नहीं। जमीन से जुड़ा ये मामला 2009 का है। वो भी वैसी जमीन का, जिसे न तो बेचा जा सकता और ना ही खरीदा जा सकता। जिसकी जमीन है, आज भी वो उसी के पास है। फिर 2024 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
कपिल सिब्बल ने बता दी केजरीवाल की भविष्य?
इसके बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि ये सरकार (केंद्र) कोई विपक्षी मुख्यमंत्री नहीं चाहती। अब वे अरविंद केजरीवाल के साथ भी ऐसा ही करेंगे क्योंकि उनका (बीजेपी) मकसद डबल इंजन सरकार है। विपक्ष की सरकार नहीं होनी चाहिए। अब 10 केस और लगेंगे हेमंत सोरेन पर ताकि वो जेल से बाहर ना आएं। 2024 के चुनाव में फायदा मिले अगर सुप्रीम कोर्ट हमारी बात नहीं सुनेगा तो हम कहां जाएंगे?
सीएम रहे सोरेन से पूछताछ, इस्तीफे देते ही गिरफ्तारी
वैसे, पूरे मामले में हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट जाने की छूट लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली थी। ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात करीब 10 बजे पूछताछ के बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया था। आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दाखिल कर गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी।
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