-मुदासिर चला रहा था आतंकियों का कॉल सेंटर, पुलिस भी हैरान, पीडीपी ने मुठभेड़ पर उठाये सवाल

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/कश्मीर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- श्रीनगर में सोमवार को हैदरपोरा बाईपास पर मुठभेड़ में दो आतंकी और एक ओजीडब्ल्यू (आतंकियों का मददगार) मारा गया है। आतंकवादियों की गोलीबारी में अल्ताफ अहमद (मकान मालिक) घायल हो गया था। जिसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) ने मामले की जांच की मांग की है। मारे गए आतंकियों में एक पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल है। जिसकी पहचान बिलाल भाई के रूप में हुई है। दूसरा आतंकी आमिर बनिहाल का रहने वाला था।
                   कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि दो से तीन आतंकी एक घर में छिपे हुए हैं। हमने घेराबंदी कर तलाशी ली। ऊपर की मंजिल में तीन कमरे थे। हमने मकान मालिक अल्ताफ और बिजनेसमैन मुदासिर गुल को बुलाया। इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला और दो आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई। इस ऑपरेशन में लोगों को बचाना बड़ी चुनौती थी।
                   आईजी ने बताया कि अल्ताफ ने मुदासिर को कमरे दिए थे और वह अनधिकृत कॉल सेंटर चला रहा था। जहां से नौ कंप्यूटर और हथियार बरामद हुए हैं। यहां से यूएसए का एक नक्शा भी मिला है। हमें कॉल सेंटर से कई देशों के नंबर मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है। मुदासिर एक मॉड्यूल चला रहा था और आतंकियों को इस जगह तक पहुंचा रहा था।
                   बताया कि स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा और शाम के वक्त इलाके में भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबलों ने संयम बरता। रविवार को डाउनटाउन में सुरक्षाबलों पर हमला हुआ था। उस हमले में यह आतंकी शामिल था। मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिसे तत्काल पास के अस्पताल में ले जाया गया।
                  जम्मू-कश्मीर में इस माह अब तक तीन मुठभेड़ों में पांच आतंकी मारे गए हैं। गुरुवार को कुलगाम और श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में तीन आतंकियों को मार गिराया था। इसमें बेमिना में मारा गया मुजाहिदीन गजवातुल हिंद का एक आतंकी भी शामिल था, जिसे सुरक्षाबलों पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
               पिछले माह अक्तूबर में सुरक्षाबलों ने विभिन्न आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में 20 आतंकियों को मार गिराया था। इस दौरान सेना के 12 जवान शहीद हुए हैं।

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