नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- ब्रिक्स सम्मेलन के आखिरी दिन 24 अगस्त को साउथ अफ्रीका में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। दोनों ने अनौपचारिक रूप से बात भी की। लेकिन 25 अगस्त, यानी आज चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि ये मीटिंग भारत के अनुरोध पर हुई है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने चीन के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। अब दोनो ही देश के विदेश मंत्रालय इस मुलाकात को लेकर पहल किसने की को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि चीन की तरफ से कई महीनों से बाइलेट्रल मीटिंग की रिक्वेस्ट पेंडिंग थी। इसके बाद ही जोहांसबर्ग में दोनों नेताओं में बातचीत हुई। पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत अनौपचारिक थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी की मांग पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर उनसे बात की। दोनों नेता एलओसी पर सेना की तैनाती कम करने और दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने की दिशा में बातचीत के लिए सहमत हुए। लेकिन भारतीय सूत्रों ने चीन के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि भारत की मांग पर ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत चीन के नेताओं के बीच बातचीत हुई।
भारत ने खारिज किया चीन का दावा
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आई है कि सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने चीन के दावे को यह कहकर खारिज कर दिया है कि लंबे समय से चीन की तरफ से ही बातचीत की पेशकश की जा रही थी। बता दें कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच औपचारिक बातचीत नहीं हुई लेकिन लीडर्स लाउंज में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई।
चीन ने कही थी ये बात
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पीएम मोदी की मांग पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर उनसे बात की। दोनों नेता एलओसी पर सेना की तैनाती कम करने और दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने की दिशा में बातचीत के लिए सहमत हुए।
विदेश सचिव ने दी बैठक की जानकारी
वहीं भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच ब्रिक्स सम्मेलन से अलग अनौपचारिक बातचीत हुई। इस बातचीत में पीएम मोदी ने भारत-चीन के बीच एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया।
बता दें कि जून 2020 के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, जब दोनों देशों के सैनिक लद्दाख में गलवान घाटी में आपस में भिड़ गए थे। भारत और चीन की सेनाओं के बीच 19 दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेता सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने पर सहमत हुए।
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