नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नोएडा/शिव कुमार यादव/- नोएडा में बाढ़ के बाद शहर के लोगों में आई फ्लू यानी कंजक्टिवाइटिस का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर बच्चों में ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में स्कूलों ने एडवायजरी जारी करते हुए अभिभावकों को हिदायत दी है कि अगर बच्चे में आई फ्लू के लक्षण हैं तो उसे स्कूल न भेजें। डॉक्टरों का कहना है कि पहले आई फ्लू के मरीज तीन से चार दिन में ठीक हो जाते थे, लेकिन अब आठ से दस दिन लग रहे हैं।
उत्तर प्रदेश ऑप्थेल्मोलॉजी सोसाइटी की महासचिव नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मोहिता शर्मा ने बताया कि मानसून में वायरस आसानी से पनपते हैं। इस वजह से बीमारियां बढ़ जाती हैं। कंजक्टिवाइटिस के मामले पूरे प्रदेश से सामने आ रहे हैं। आंखों का लाल होना, सफेद या पीला कीचड़ आना, पानी आना, सूजन, खुजली और दर्द होना आई फ्लू के लक्षण हैं। तैराकी करने वालों में आई फ्लू का ज्यादा खतरा है।
मेट्रो अस्पताल के नेत्र विभाग के अध्यक्ष व वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रजत आनंद ने बताया कि इस समय ओपीडी में 10 से 15 केस आ रहे हैं, जबकि पिछले महीने तक मुश्किल से एक से दो केस आ रहे थे। आई फ्लू के बचने के लिए हाथों की साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है। बच्चे हाथों की साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं, इस वजह से संक्रमण जल्दी हो जाता है।
आई फ्लू होने पर रखें ध्यान
– आंखों को बार-बार छूने से बचें।
– आंखों को साफ करने के लिए टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें।
– एक बाद इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को कचरेदान में फेंक दे।
– किसी से भी आई टू आई कांटेक्ट न बनाएं।
– टीवी या मोबाइल से दूर रहें।
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