
हेल्थ और फिटनेस/सिमरन मोरया/- कॉर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है जिसे आपकी एड्रेनल ग्रंथियां बनाती हैं। मुख्य रूप से इसे स्ट्रेस हार्मोन के तौर पर जाना जाता है जो तनाव की स्थिति में आपके शरीर की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है।
शरीर को ठीक तरीके से काम करते रहने के लिए ‘संतुलन’ की विशेष भूमिका होती है। संतुलन आहार का हो या हार्मोन्स का, दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। हार्मोन्स हमारे शरीर के केमिकल होते हैं जो मैसेंजर (संदेशवाहक) की तरह से काम करते हैं। शारीरिक वृद्धि और विकास, मेटाबॉलिज्म, पाचन, बीमारियों से कैसे लड़ना है, आपको खुश रखना है या दुखी, इन सबमें हार्मोन्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोर्टिसोल ऐसा ही एक हार्मोन है जिसके बारे में हम इस लेख में बात करेंगे।

स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कॉर्टिसोल को भले ही सिर्फ स्ट्रेस हार्मोन के रूप में जाना जाता है, पर यह एक आवश्यक हार्मोन है जो आपके शरीर के लगभग हर अंग और ऊतक को प्रभावित करता है।

शरीर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज (चीनी) का उपयोग कैसे करता है, सूजन और रक्तचाप को नियंत्रित करने, आपके सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिन लोगों के शरीर में कॉर्टिसोल की अधिकता होती है उनमें समय के साथ कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

कोर्टिसोल कैसे काम करता है?
कोर्टिसोल आपके शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप थोड़े समय के लिए भी तनाव ग्रस्त हैं तो भी शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है। स्ट्रेस के समय, आपका शरीर कोर्टिसोल रिलीज करता है ताकि आप हाई अलर्ट पर रहें।
एमिग्डाला, मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो भय और भावनात्मक उत्तेजनाओं जैसी भावनाओं को नियंत्रित करता है। तनावपूर्ण स्थिति के दौरान ये ब्रेन के एक हिस्से हाइपोथैलेमस को तनाव का संकेत भेजता है। बदले में, हाइपोथैलेमस पिट्यूटरी-एड्रेनल ग्रंथि को कोर्टिसोल का उत्पादन करने का संकेत देता है।

कोर्टिसोल बढ़ने पर क्या दिक्कतें होती हैं?
कोर्टिसोल का सामान्य स्तर तो ठीक है लेकिन जब इसका स्तर बहुत बढ़ जाता है तो इससे कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं।
उच्च कोर्टिसोल के कारण वजन बढ़ने, रक्तचाप और डायबिटीज, पेट पर चौड़े-बैंगनी रंग के निशान और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा रहता है। बढ़े हुए हार्मोन के स्तर के कारण लिवर और मांसपेशियों सहित कई अन्य हिस्सों पर असर हो सकता है।
कोर्टिसोल के स्तर को कैसे कम करें?
अगर आपका कोर्टिसोल लेवल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह लें। दिनचर्या में कुछ प्रकार के बदलाव करके कोर्टिसोल को नियंत्रित किया जा सकता है।
1 अनिद्रा या रात की शिफ्ट में काम करने वालों में कोर्टिसोल के स्तर बढ़ सकता है। इसलिए रात में अच्छी नींद लें।
2 नियमित शारीरिक गतिविधि से नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
3 सांस लेने वाले अभ्यास, मेडिटेशन की मदद से कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।
4 हंसने और खुश रहने से एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव बढ़ता है और कोर्टिसोल कम होता है। इसलिए मजेदार गतिविधियों में हिस्सा लें।
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