• DENTOTO
  • पहलगाम हमला: अमेरिका का दोहरा खेल? पाकिस्तान का आरोप, UN में घेराबंदी की तैयारी

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 11, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    पहलगाम हमला: अमेरिका का दोहरा खेल? पाकिस्तान का आरोप, UN में घेराबंदी की तैयारी

    नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने UNSC से TRF का नाम हटवा दिया, जिससे उसकी भूमिका पर संदेह गहरा गया है। पाकिस्तान ने अमेरिका से ‘डील’ करके और चीन की मदद से यह काम किया। TRF ने पहले हमले की जिम्मेदारी ली, फिर पीछे हट गया, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
    पहलगाम में हुए हमले के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से एक बयान में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का नाम हटवा दिया। TRF ने ही 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि बाद में हमले की बात से उसने किनारा कर लिया। यह घटना दिखाती है कि आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितनी राजनीति होती है। यह भी सोचने वाली बात है कि TRF ने UNSC के बयान के बाद अपनी जिम्मेदारी से इंकार क्यों किया। क्या यह पाकिस्तान के दबाव में किया गया? या फिर यह सिर्फ एक संयोग था? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन एक बात साफ है कि पहलगाम हमला एक गंभीर मामला है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।

    पाकिस्तान ने UNSC से LeT के सहयोगी TRF का नाम हटवाया
    बहरहाल, खबर है कि पाकिस्तान ने अमेरिका से बातचीत की और एक ‘डील’ की। इस डील में पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के लिए ‘विवादित’ शब्द को हटाने पर सहमति जताई। असल में, पाकिस्तान ने ही अमेरिकी मसौदे में यह शब्द जोड़ा था। वहीं चीन ने भी इस मामले में पाकिस्तान का पूरा साथ दिया। पाकिस्तान का कहना था कि TRF का नाम लेने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। इसलिए, उसने स्वतंत्र जांच की मांग की।
    UNSC के बयान के कुछ ही घंटों बाद, TRF ने एक अजीब हरकत की। उसने पहले हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में कहा कि यह एक ‘अनऑथराइज्ड मैसेज’ था। TRF ने यह भी कहा कि उसके सिस्टम में ‘साइबर घुसपैठ’ हुई थी। उसने भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाया और पाकिस्तान सरकार की लाइन पर चलने की कोशिश की। पाकिस्तान सरकार ने पहलगाम की घटना को ‘झूठा ऑपरेशन’ बताया था।
    जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने एक मसौदा तैयार किया जिसमें लिखा था कि TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली है। ठीक वैसे ही जैसे 2019 में पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद का नाम UNSC के बयान में था। जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी।

    हाल ही में, 14 मार्च को UNSC ने पाकिस्तान सेना पर हुए जफर एक्सप्रेस हमले पर भी एक बयान दिया था। उस बयान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का नाम था। बयान में लिखा था, “‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने कहा कि हमला उसके मजीद ब्रिगेड ने किया था'”। लेकिन पहलगाम हमले के मामले में ऐसा नहीं हुआ। UNSC के बयान में हमले की जगह का नाम तक नहीं था।

    ..तो, पाकिस्तान ने क्या ‘डील’ की?
    ऐसा लगता है कि पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर के लिए ‘विवादित’ शब्द को हटाने के बदले में TRF का नाम हटवाय। भारत को यह शब्द बिल्कुल पसंद नहीं है। इस मुद्दे पर UN में पाकिस्तान के साथ भारत की कई बार बहस हो चुकी है।
    चीन ने अमेरिकी मसौदे में पाकिस्तान के बदलावों का समर्थन किया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान UNSC का सदस्य होने के नाते अमेरिका और दूसरे सदस्यों से सीधे बात कर रहा था। भारत UNSC का सदस्य नहीं है, इसलिए वह सीधे बातचीत नहीं कर सकता था। भारत को अमेरिका और दूसरे UNSC सदस्यों पर निर्भर रहना पड़ता है।
    भारत ने 2023 में TRF को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। TRF के सरगना सज्जाद गुल को आतंकवादी घोषित किया गया है। TRF ने 2020 से जम्मू और कश्मीर में कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक हिस्सा है और इसके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संबंध हैं।

    पाकिस्तान की भूमिका पर संदेह और भी गहरा
    सीधे शब्दों में कहें तो, पाकिस्तान ने UNSC में TRF का नाम हटवाने के लिए चाल चली। उसने अमेरिका के साथ एक समझौता किया और चीन की मदद ली। इससे पाकिस्तान की भूमिका पर संदेह और भी गहरा गया है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox