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    जेएनयू में भारतीय भाषाओं में भी होगी पढ़ाई,

    -कुलपति बोलीं- स्पेशल सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेज की होगी स्थापना -जेएनयू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत विभिन्न कोर्स में ऑनलाइन सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी करेगा शुरू

    नई दिल्ली/- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा और पहली महिला कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि जेएनयू अब विदेशी भाषाओं के साथ शैक्षणिक सत्र 2023-24 से भारतीय भाषाओं में भी पढ़ाई करवाएगा। इसके लिए जेएनयू कैंपस में स्पेशल सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेज की स्थापना की जाएगी। फिलहाल तमिलनाडु सरकार ने 10 करोड़ देकर इस सेंटर में तमिल चेयर स्थापित करने की सहमति दे दी है। इसके अलावा महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक, पुंडूचेरी, ओडिशा सरकार भी चेयर स्थापित करना चाहती है।
                 कुलपति ने अपने कार्यकाल में चार माध्यमों से 500 करोड़ रुपये एकत्रित करने का लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि फंड बढ़ाने और सोसायटी की बेहतरी के लिए अगले सत्र से जेएनयू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत विभिन्न कोर्स में ऑनलाइन सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी शुरू करेगा। इसके लिए बाकायदा एक रोडमैप भी तैयार किया गया है।
                कुलपति ने माना कि जेएनयू के पास फंड की कमी है और आय के साधन नहीं है। कुलपति ने कहा कि जेएनयू में विदेशी भाषाओं के साथ-साथ अब भारतीय भाषाओं की पढ़ाई भी करवाई जाएगी। इसके लिए स्पेशल सेंटर फॉर इंडियन लैंग्वेज स्थापित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न राज्य सरकारों से बात चल रही है।
                 फिलहाल तमिलनाडु सरकार ने तमिल चेयर और महाराष्ट्र सरकार ने मराठा चेयर स्थापित करने के लिए 10-10 करोड़ रुपये देने की सहमति दे दी है। जबकि ओडिशा, कर्नाटक, पुंडूचेरी, असम सरकार भी अपनी चेेयर स्थापित करेंगे।
                 एलुमनाई अब सीधे पैसा ट्रांसफर कर सकेंगे : कुलपति ने कहा कि आईआईटी की तर्ज पर जेएनयू एल्यूमनाई को जोड़ा जाएगा। इसके लिए एसबीआई बैंक के साथ मिलकर ऐसा सिस्टम तैयार करेंगे, ताकि फंड सीधे पोर्टल के माध्यम से खाते में ट्रांसफर हो सकें।

    पीएचडी की परीक्षा खुद लेगा जेएनयू
    कुलपति ने कहा कि अगले सत्र से पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय खुद संभालेगा। इस साल पीएचडी दाखिले की प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए ) को सौंपी जा चुकी है, लेकिन अगले शैक्षणिक सत्र पीएचडी दाखिला प्रवेश परीक्षा जेएनयू के पुराने पैटर्न पर विश्वविद्यालय प्रशासन खुद करवाएगा। हालांकि स्नातक प्रोग्राम में दाखिले एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी यूजी की मेरिट से ही होंगे। उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया होगा।

    जेएनयू को जल्द मिलेगी नई सिक्योरिटी
    कुलपति ने कहा कि जेएनयू में नई सिक्योरिटी कंपनी के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। उम्मीद है कि जल्द ही नई सिक्योरिटी कंपनी को कैंपस सुरक्षा की जिम्मेदारी दे दी जाएगी। वहीं, सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी लगाने का फैसला लिया गया है, लेकिन छात्रों और शिक्षकों की सहमति के बाद ही सीसीटीवी लगाए जाएंगे। किसी की भी निजता में दखल देना गलत होगा।

    ई-लर्निंग स्किल ओरिएंटल कोर्स की पढ़ाई
    जेएनयू अभी तक सिर्फ पूरी तरह से स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी की पढ़ाई करवाता है। पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत ई-लर्निंग स्किल ओरिएंटल कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह पूरी तरह से डिग्री पढ़ाई के साथ रोजगार , स्टार्टअप, इनोवेशन या अपना बिजनेस शुरू करने में मदद करने वाले होंगे। यह पांरपरिक पढ़ाई से अलग होंगे।

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