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    गर्भावस्था के दौरान दवाइयों का सेवन: विशेष ध्यान रखने योग्य बातें

    स्वास्थ्य/नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  आमतौर पर, जब भी हमें कोई बीमारी होती है, तो हम डॉक्टर से परामर्श करके दवाइयों का सेवन करते हैं। मामूली सर्दी-जुकाम के लिए भी हम डॉक्टर की सलाह लेते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान दवाइयों का सेवन बहुत ही सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को बिना परामर्श के किसी भी प्रकार की दवाइयाँ लेने से मना करते हैं, क्योंकि गर्भावस्था में कुछ दवाइयाँ सुरक्षित होती हैं, जबकि कुछ का सेवन करना गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकता है।

    गर्भावस्था में दवाइयों का महत्व और सावधानियाँ

    गर्भावस्था के पहले 6 महीनों में दवाइयाँ ज़रूरी हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी दवाइयाँ सुरक्षित हैं। कुछ विशेष दवाइयाँ गर्भवती महिला या भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हो सकती हैं, लेकिन उनकी मात्रा और प्रकार का निर्धारण डॉक्टर के परामर्श के आधार पर ही होना चाहिए। इसलिए गर्भावस्था के दौरान दवाइयों का सेवन करने से पहले डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लेना अनिवार्य है।

    गर्भावस्था के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:

    1. स्वास्थ्य की नियमित जाँच: गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य की नियमित रूप से जाँच कराते रहना बहुत ज़रूरी है। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय पर पता लगाया जा सकता है।
    2. नई दवा लेने से पहले परामर्श लें: कोई भी नई दवाई लेने से पहले डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लेना अनिवार्य है।
    3. दवाइयों से हो सकने वाले जोखिम: गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाइयाँ स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, जैसे जन्म दोष, समय से पहले प्रसव या गर्भावस्था का नुकसान।
    4. बीमारी का इलाज न करना भी हो सकता है खतरनाक: हालांकि दवाइयों से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन किसी भी बीमारी का इलाज न करना भी गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
    5. गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में विशेष ध्यान: गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में, दवाओं से नुकसान होने की संभावना अधिक होती है। शुरुआती तीन महीनों में जो दवाइयाँ सुरक्षित मानी जाती हैं, वे बाद के छह महीनों में जोखिम पैदा कर सकती हैं।
    6. दर्द से राहत के लिए उचित दवाइयाँ: गर्भावस्था के दौरान दर्द से राहत के लिए आमतौर पर एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन एस्पिरिन और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) से बचना चाहिए।
    7. खांसी के लिए दवाइयाँ: अगर सूखी खांसी हो, तो फोल्कोडाइन या डेक्सट्रोमेथॉरफन को सुरक्षित माना जाता है। वहीं, छाती में बलगम वाली खांसी के लिए गाइफेनेसिन या ब्रोमहेक्सिन सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं।

    निष्कर्ष:

    गर्भावस्था के दौरान दवाइयों का सेवन अत्यंत सावधानीपूर्वक और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। गर्भवती महिला और भ्रूण के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि दवाओं के उपयोग से पहले संभावित जोखिमों और फायदों पर विचार किया जाए। हर स्थिति में डॉक्टर का परामर्श लेना और स्वास्थ्य की जाँच कराना सर्वोत्तम होता है।

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