• DENTOTO
  • आखिर क्यों नही थम रहा पैरा मिलिट्री जवानों में आत्महत्याओं का सिलसिला

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 20, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    आखिर क्यों नही थम रहा पैरा मिलिट्री जवानों में आत्महत्याओं का सिलसिला

    -सीआरपीएफ के दो इंस्पेक्टर द्वारा आत्महत्या करने के मामले में एसोसिएशन ने लिया संज्ञान

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- हर तीसरे चौथे दिन खबरें सुनने को मिल रही है कि फलां बटालियन के जवान ने खुदकुशी कर ली। हदें और पार कर गई जब दो सप्ताह पहले सीआरपीएफ के दो इंस्पेक्टर द्वारा जीवनलीला समाप्त कर ली। आखिर ये सालों से लगातार चला सिलसिला थम क्यों नहीं रहा। कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन ने इस पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से इस विषय में ठोस कदम उठाने की अपील की है।

     इस संबंध में महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पिछले 13 सालों में 1532 आत्महत्याओं के मामलों में जवानों द्वारा इस तरह के भयावह कदम लेने को मजबूर हो जीवनलीला समाप्त करनी पड़ी। आखिर कुछ तो कारण रहे होंगे। जवानों द्वारा घर परिवार से हजारों किलोमीटर दूर रहना, ड्युटी के घंटों में इजाफा, कम्पनी बटालियन लेवल में सिपाहियों व आफिसर की रिक्तियां, एक ही रैंक में 15-20 सालों तक प्रमोशन से वंचित। समय से छुट्टी नहीं मिलना। कई मौकों पर कमान अधिकारियों द्वारा अपने मातहत कर्मियों की परेशानियों को नजरअंदाज करना, जवान की शान के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना व्यवहार। गांव के दबंगों द्वारा जवानों की जमीन जायदाद पर जबरदस्ती कब्जा और जवान बीवी-बच्चों को ग़लत नजरो से देखना। बिना पुरानी पैंशन व अन्य सुविधाओं के ना होने से भविष्य अंधकारमय होना। स्वभाव में चिडे़चिड़ापन के कारण मनोरोगियों में इजाफा। बाढ भुकंप जैसे प्राकृतिक विपदाओं, बेमौसमी चुनावों, दंगा फसाद के चलते जवानों के सुख चैन में खलल व मनचाही पोस्टिंग का ना मिलना। बच्चों के बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य वास्ते अच्छे शिक्षण संस्थानों व अस्पतालों की कमी और मुख्य कारण इस डिजिटल युग में मोबाइल के माध्यम से जवान को घर परिवार से मिलती पल पल की खबरें। उपरलिखित हालातों से ना केवल जवान बल्कि अधिकारी वर्ग भी पीड़ित व परेशान नजर आता है।

    माननीय गृह मंत्री जी द्वारा 100 दिनों की छुट्टी का वायदा पुरी तरह से फेल सा लगता है। सीआईएसएफ जवानों को साल में मात्र 30 दिनों का अवकाश जबकि अन्य सुरक्षा बलों भारतीय सेनाओं में 60 दिनों की छुट्टी। सभी पैरामिलिट्री फोर्सस में सीएलएमएस मदिरा सुविधा उपलब्ध लेकिन सीआईएसएफ जवानों को वंचित रखा गया है।
                  पूर्व एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह ने मांग किया कि होने वाली आत्महत्याओं व आपसी शूट आउट के मामलों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय श्वेत पत्र जारी करे। पूर्व एडीजी ने आगे कहा कि पिछले 10 सालों में हर साल दस हजार जवान नौकरी छोड़ने व त्यागपत्र देने का सिलसिला जारी और गृह मंत्रालय मौन साधे हुए है। माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 11 जनवरी को सुनाए गए पैरामिलिट्री पुरानी पैंशन बहाली के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और फरवरी 2024 में सुनवाई होगी यानी टालमटोल कहें या ठंडा बस्ता।

    माननीय प्रधानमंत्री जी, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव महोदय से एसोसिएशन डेलिगेशन द्वारा बार बार समय मांगा गया ताकि जवानों के भलाई संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर समाधान हो सके लेकिन आज तक बुलावा नहीं आया। आखिर हारकर पैरामिलिट्री महापंचायत द्वारा 25 सितंबर को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया गया। इस साल के आखिर में पांच राज्यों के होने वाले चुनाव व 2024 के संसदीय आम चुनावों में 20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों की निर्णायक भूमिका को नकारा नहीं जा सकता जिनके यारों प्यारों, सगे संबंधियों व पड़ोसियों को मिला कर संख्याबल एक करोड़ पार बैठती है। पुरानी पैंशन व अन्य सुविधाओं के लिए 25 सितंबर को जंतर मंतर पर होने वाले धरना प्रदर्शन के दौरान यह फैसला लिया जाएगा कि वोट किस पार्टी को दिया जाए हांलांकि अर्ध सैनिक बलों का किसी पार्टी विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox