राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण शिक्षक ही करता है -श्रुति सेतिया योगाचार्य

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
July 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण शिक्षक ही करता है -श्रुति सेतिया योगाचार्य

-“राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका“ पर गोष्ठी सम्पन्न

नई दिल्ली/- केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में“राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका“ पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता योगाचार्य श्रुति सेतिया ने कहा कि हर व्यक्ति के निर्माण में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक की होती है, अगर शिक्षक सही शिक्षा विद्यार्थी की दें तो वह महानता को छू लेगा और राष्ट्र व संस्कृति के प्रति जागरूक रहेगा। यह कॅरोना काल में 439 वा वेबिनार था।
                आचार्य चाणक्य के अनुसार– शिक्षक गौरव घोषित कब होगा जब यह राष्ट्र गौरवशाली होगा और यह राष्ट्र गौरवशाली तब होगा जब यह राष्ट्र अपने जीवन मूल्यों और परंपराओं का निर्वाह करने में सफल एवं सक्षम होगा और यह राष्ट्र सफल एवं सक्षम तब होगा जब शिक्षक अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करने में सफल होगा और शिक्षक सफल तब कहा जाएगा जब वह राष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करने में सफल हो।
              हमारी प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के साथ आधुनिक शिक्षा प्रणाली की तुलना करेंगे तो दोनों के बीच बहुत बड़ी खाई दिखाई पड़ेगी। गुरुकुल में प्रत्येक विद्यार्थी नैतिक शिक्षा प्राप्त करता था। प्रत्येक विद्यार्थी में विनम्रता ,आत्म संयम ,आज्ञा पालन, सेवा और त्याग भावना सद- व्यवहार, सज्जनता, शिष्टता तथा अनंत बल्कि अत्यंत प्रमुख रूप से आत्मज्ञान की जिज्ञासा रहती थी। आधुनिक प्रणाली में शिक्षा का नैतिक पक्ष सम्पूर्णतः भुला दिया गया है। विद्यार्थी को सदाचार के मार्ग में प्रशिक्षित करने और उसका चरित्र सही ढंग से मोड़ने के लिए शिक्षक को स्वयंपूर्ण सदाचारी और पवित्र होना चाहिए। उसमें पूर्णता होनी चाहिए शिक्षक वृत्ति अपनाने से पहले प्रत्येक शिक्षक को शिक्षा के प्रति अपनी स्थिति की पूरी जिम्मेदारी जान लेनी चाहिए ।  संसार का भावी भाग्य पूर्णता शिक्षकों और विद्यार्थियों पर निर्भर है। यदि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ठीक ढंग से सही दिशा में धार्मिक वृत्ति में शिक्षा दें तो संसार में अच्छे नागरिक, योगी और जीवन मुक्त भर जाएंगे, जो सर्वत्र प्रकाश, शांति ,सुख और आनंद बिखेर देंगे।
            केन्द्रीय आर्य युवक युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन जी की 134 वी जयंती पर शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है क्योंकि समाज की भावी संरचना की नींव शिक्षक ही रखते हैं ।
            मुख्य अतिथि शिक्षाविद सावित्री चावला(पूर्व प्रधानाचार्य डी ए वी स्कूल) व अध्यक्ष श्रेष्ठा शर्मा (पूर्व शिक्षा अधिकारी डी ए वी), कृष्णा मुखी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि शिक्षकों को भी अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। गायक रविन्द्र गुप्ता, नरेन्द्र आर्य सुमन (अमेरिका) ,प्रवीना ठक्कर, कृष्णा गांधी, कमलेश चांदना, ईश्वर देवी, सुदर्शन चौधरी, जनक अरोड़ा आदि के मधुर भजन प्रस्तुत किये।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox