
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/हरियाणा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- रेलवे के वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर की सबसे बड़ी रुकावट शुक्रवार को खत्म हो गयी है. अरावली की पहाड़ियों को चीरने के लिए जैसे ही यहां धमाका किया गया, डीएफसी सभी कर्मचारी खुशी से झूम उठे. हरियाणा के सोहना में मेवात इलाके में पड़ने वाली यह सुरंग वेस्टर्न डीएफसी की सबसे बड़ी सुरंग है. इसकी लंबाई करीब 1 किलोमीटर है. शुक्रवार को डायनामाइट ब्लास्ट के साथ ही इसका सोहना छोर और पृथला छोर एक दूसरे से मिल गया। अरावली की इस पहाड़ी में सुरंग बनाने के लिए एक साल से काम चल रहा था। इस सुरंग की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह दुनिया की पहली ऐसी इलेक्ट्रिफाइड रेल सुरंग होगी जिसमें डबल स्टेक कंटेनर चल सकेंगी. यानी इसकी ऊंचाई इतनी रखी गयी है कि एक ऊपर एक लदा कंटेनर भी इस सुरंग में से गुजर पायेगा।
यह सुरंग मालगाड़ी के लिए बन रही लाइन को दादरी तक ले कर जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि जवाहर लाल नेहरू पोर्ट से दादरी तक का ये प्रोजेक्ट अगले साल तक पूरा हो जाएगा. भारतीय रेल मालगाड़ियों को चलाने के लिए खास रेल लाइन बना रहा है. इस लाइन पर न केवल मालगाड़ियां सरपट दौड़ेंगी बल्कि मौजूदा लाइन से बड़ी संख्या में मालगाड़ियां क्थ्ब् पर चली जायेंगीं. और रेल ट्रैक पर लोड कम होने से यहां ट्रेनें भी सही समय पर चल सकेंगीं।
डीएफसी का इस्टर्न कॉरिडोर पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास दानकुनी से पंजाब के लुधियाना को जोड़ रहा है. 1856 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब को जोड़ेगा. जबकि वेस्टर्न कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के दादरी से मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक फैला है. 1506 किलोमीटर लंबाई वाली इस लाइन से पूरे एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को बड़ा लाभ मिलने वाला है. इन दोनों कॉरिडोर का काम साल 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है।
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