अखंड भारत समय की जरूरत, विभाजन के बाद पाकिस्तान व अफगानिस्तान में नही रही शांति

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
February 18, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अखंड भारत समय की जरूरत, विभाजन के बाद पाकिस्तान व अफगानिस्तान में नही रही शांति

-मोहन भागवत ने की अखंड भारत की वकालत करते हुए कहा- बल पूर्वक नही हिन्दू धर्म के माध्यम से यह संभव,

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एकबार फिर अखंड भारत की वकालत की है। उन्होंने इसके लिए तर्क देते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान व अफगानिस्तान जैसे देश भारत से अलग हो गए थे और आज संकट में है। यह बात उन्होंने हैदराबाद में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में कही। उन्होंने कहा कि अखंड भारत हिंदू धर्म के माध्यम से ही संभव है, यह बलपूर्वक नहीं हो सकता है।
मोहन भागवत ने कहा कि अखंड भारत की कल्पना संभव है। उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने देश के विभाजन से पहले गंभीर संदेह व्यक्त किया था कि क्या इसे विभाजित किया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ। अगर आप इस देश के विभाजन के छह महीने पहले पूछते, तो किसी को अनुमान नहीं होता। लोगों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से पूछा कि पाकिस्तान के गठन के बारे में एक नया विषय सामने आ रहा है। उन्होंने कहा, ब्रह्मांड के कल्याण के लिए गौरवशाली अखंड भारत बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए देशभक्ति को जगाने की आवश्यकता है। क्योंकि भारत को एकजुट होने की जरूरत है, सभी विभाजित भागों को जो अब खुद को भारत नहीं कहते हैं उन्हें शांति और स्थायित्व के लिए और अधिक इसकी आवश्यकता है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अखंड भारत का एक गौरवशाली इतिहास रहा है जिसका दुनिया ने लौहा माना है। आज समय की आवश्यकता है और इसे खारिज नही किया जा सकता। भागवत ने कहा कि भारत के अलग-अलग क्षेत्र जो खुद को अब भारत नहीं कहते हैं, उनके लिए भारत के साथ पुनर्मिलन की आवश्यकता है। उनके अनुसार, अखंड भारत के उन इलाकों में नाखुशी है, जो अब खुद को भारत नहीं कहते हैं। उनकी समस्या का हल अखंड भारत ही है। संघ प्रमुख ने कहा, हम उन्हें एकजुट करने की बात करते हैं, उन्हें दबाने की नहीं। जब हम अखंड भारत की बात करते हैं, तो हमारा उद्देश्य इसे प्राप्त करना नहीं है बल्कि धर्म के माध्यम से एकजुट होना है।श्श् उन्होंने आगे कहा सनातन धर्म मानवता का धर्म है। संपूर्ण विश्व का घर्म है। इसे आद के समय में हिंदू धर्म कहा जाता है।
भागवत ने पूछा, गांधार अफगानिस्तान बन गया। क्या तब से अफगानिस्तान में शांति और अमन कायम है? पाकिस्तान का गठन हो चुका था। उस तारीख से अब तक शांति है? उन्होंने कहा कि भारत के पास कई चुनौतियों को दूर करने का धीरज है और दुनिया कठिनाइयों को दूर करने के लिए उसकी ओर देखती है। वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) विश्वास के साथ, भारत फिर से दुनिया को खुशी और शांति प्रदान कर सकता है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox