
मानसी शर्मा / – श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अप्रैल तक के लिए टाल दी गई है। विवादित शाही ईदगाह के सर्वे पर फिलहाल रोक जारी रहेगी। सर्वे का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था। शाही ईदगाह कमेटी ने सभी मामले हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का विरोध किया है।
हालांकि, अभी तक (खबर लिखे जाने तक) इस मामले में सभी पक्षों ने जवाब दाखिल नहीं किया है, जबकि कोर्ट ने सभी को जवाब दाखिल करने को कहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सर्वे को दी थी मंजूरी
इससे पहले 14 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित स्थल पर सर्वे को मंजूरी दे दी थी। कोर्ट ने चल रहे विवाद पर कमिश्नर नियुक्त करने को भी कहा था। पीठ कुल 18 सिविल मामलों की सुनवाई कर रही है। इससे पहले 16 नवंबर को मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका में कही गई ये बातें
विष्णु शंकर जैन के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ है जो हिंदू मंदिरों की विशेषता है और शेषनाग की प्रतिकृति है, जो हिंदू देवताओं में से एक है, जिन्होंने अपने जन्म की रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी। किया। 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में समझौता हुआ।
1968 में हुए समझौते के तहत इस मामले में क्या हुआ?
श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट की सहयोगी संस्था श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच हुए इस समझौते में 13.37 एकड़ जमीन में से करीब 2.37 एकड़ जमीन शाही ईदगाह के लिए दी गई। हालाँकि, इस समझौते के बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ को भंग कर दिया गया। हिंदू पक्ष समझौते को अवैध बता रहा है। हिंदू पक्ष के मुताबिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ को बातचीत का कोई अधिकार नहीं था।
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