
नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मध्य प्रदेश में 183.21 करोड़ रुपये के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई के तहत CBI ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के एक वरिष्ठ मैनेजर और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। बता दें, यह मामला इंदौर की एक निजी कंपनी और मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) से घोटाले से जुड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का ये मामला इंदौर की एक निजी कंपनी, मेसर्स तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड, द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) से 974 करोड़ रुपये के तीन बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत करने से जुड़ा है। इस मामले की जांच में पता चला कि तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड ने 2023 में MPJNL से सिंचाई परियोजनाओं के लिए ठेके हासिल करने के लिए PNB की ओर से आठ फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत की थीं। जिनका कुल मूल्य 183.21 करोड़ रुपये था।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि MPJNL को फर्जी ईमेल के जरिए इन गारंटी की प्रमाणिकता की पुष्टि की गई थी। जो PNB के आधिकारिक डोमेन की नकल करके भेजे गए थे। इन फर्जी गारंटी के आधार पर MPJNL ने कंपनी को 974 करोड़ रुपये के ठेके आवंटित कर दिए। वहीं, CBI ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर 09 मई को तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए।
CBI की बड़ी कार्रवाई
CBI ने 19 और 20 जून को पांच राज्यों दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश में 23 स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान कोलकाता से PNB के वरिष्ठ मैनेजर गोविंद चंद्र हंसदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया गया। दोनों को कोलकाता की एक अदालत में पेश किया गया, जहां CBI को उनकी ट्रांजिट रिमांड मिली।
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