चने की खेती को लेकर केविके उजवा ने प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया

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September 8, 2024

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चने की खेती को लेकर केविके उजवा ने प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया

-कृषि विशेषज्ञों ने दिल्ली के किसानों को चने की नई प्रजाति जीएनजी -1958 की दी विस्तृत जानकारी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत सरकार की परियोजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र उजवा ने नजफगढ़ क्षेत्र के झटीकरा गांव में चने की फसल पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया। केविके के इस प्रक्षेत्र दिवस में कई गांवों के करीब 50 किसानों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं को विशेषज्ञों के सामने रखा। विशेषज्ञों ने किसानों की समस्याओं का निराकरण किया।
इस कार्यक्रम के अवसर पर केंद्र के अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता ने उपस्थित किसानों का स्वागत करते हुए बताया कि दिल्ली के क्षेत्र में दलहनी फसलों का क्षेत्रफल बहुत ही कम है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली के द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के अंतर्गत दिल्ली देहात के विभिन्न गांव झटीकरा, शिकारपुर, दरियापुर, तिगीपुर एवं जौंती आदि में किसानों के 50 प्रक्षेत्र व 20 हेक्टेयर चने की उन्नत किस्म जीएनजी-1958 का प्रदर्शन लगवाए। जिसमें किसानों को चने की उन्नत किस्म के बीज के साथ बीज उपचार, खरपतवार नियंत्रण एवं कीटनाशक दवाइयों का वितरण किया गया। डॉ पी के गुप्ता ने बताया कि सभी किसान भाई चने की फसल से प्राप्त बीज को सभी किसानों को वितरण करें ताकि चने के क्षेत्र में बढ़ावा हो सके। इसी क्रम में डॉक्टर समर पाल सिंह विशेषज्ञ शस्य विज्ञान ने बताया कि चने की किस्म जीण्नजी-1958 कृषि अनुसंधान केंद्र श्रीगंगानगर के द्वारा विकसित की गई ह,ै जो मोटे दाने वाली है जिसकी उत्पादकता 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। डाॅ सिंह ने कहा कि चने की फसल को लगाने से पानी एवं खाद उर्वरक की कम आवश्यकता होती है जिससे किसान का खर्चा कम आता है। चना वायुमंडल में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके जमीन को उपलब्ध करवाता है जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। इस दौरान डॉ सिंह ने किसानों को चने के प्रदर्शनों का भ्रमण करवा कर किस्म जीएनजी-1958 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। श्री कैलाश विशेषज्ञ कृषि प्रसार ने केंद्र के विभिन्न संचार माध्यम व्हाट्सएप, वेबसाइट, मोबाइल ऐप आदि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई एवं उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण जैसे खाद्य परिरक्षण एवं प्रसंस्करण, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन एवं जैविक खेती का आयोजन किया जाता है जिससे किसान लाभान्वित हो सकते हैं। श्री विशाल सिंह ने मौसम मोबाइल मेघदूत व दामिनी ऐप के बारे में किसानों को जानकारी देते हुए जागरूक किया। कार्यक्रम के क्रम में प्रगतिशील किसान श्री धर्मपाल त्यागी, श्री कृष्ण, श्री ओम एवं अन्य साथी किसानों ने प्रक्षेत्र के दौरान प्रदर्शित फसल के बारे में अपने अनुभव साझा करते खुशी व्यक्त की। इस कार्यक्रम में लगभग 50 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में डाॅ पी के सिंह ने किसानो व अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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