
मानसी शर्मा/- महाकुंभ में आए इंजीनियर बाबा इन दिनों सुर्खियों में हैं. करोड़ों का पैकेज, कनाडा की शानदार जिंदगी, लग्जरी लाइफ छोड़ हरियाणा के रहने वाले अभय सिंह आध्यात्म के रास्ते पर चल पड़े हैं. IIT एयरो स्पेस, BTech और कनाडा में एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में लाखों के पैकेज पर काम करने वाले हिसार के अभय सिंह (इंजीनियर बाबा) अचानक महाकुंभ का आश्रम छोड़कर शुक्रवार की रात कही चलें गए थे. अब उन्होंने मीडिया से बात करते हुए महाकुंभ छोड़ने के पीछे की वजह बताई है. साथ ही गुरू संत सोमेश्वर पुरी को लेकर चौंकने वाले खुलासे किए हैं.
इंजीनियर बाबा ने महाकुंभ छोड़ने के पीछे की वजह बताते हुए कहा, मड़ी आश्रम के संचालकों ने रात को मुझे वहां से जाने के लिए बोल दिया था. अब उनको लगा ये फेमस हो गया है. इसे कुछ पता चलेगा तो हमारे खिलाफ जाएगा, तो उन्होंने कुछ भी बोल दिया कि मैं वहां से गुप्त साधना में चला गया हूं. मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. साधु-संत उनके बारे में अफवाह फैला रहे हैं. साथ ही यह भी कहा कि जनता मुझे राजा बनाएगी और मैं जनता के लिए काम करूंगा.
इतना ही नहीं गुरू संत सोमेश्वर पुरी को लेकर कहा, मेरा कोई गुरू नहीं है. मैं जिससे भी कुछ सीखता हूं, उसे अपना गुरु बना लेता हूं. मैं फेमस हो गया तो उन्होंने खुद को मेरा गुरू बता रहे. मैंने उनको पहले ही बोल दिया था कि हमारे बीच गुरु-शिष्य का रिश्ता नहीं है.
इंजीनियर बाबा ने क्यों छोड़ना पड़ा था महाकुंभ
अभय सिंह (इंजीनियर बाबा) अचानक महाकुंभ का आश्रम छोड़कर कही चलें गए हैं. साधुओं का कहना है कि वे यहां नशे का सेवन करने लगे थे. जिसके बाद उन्हें जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी के पास भी ले जाया गया था. अभय सिंह की मानसिक स्थिति खराब होता देख जूना अखाड़े ने उन्हें आश्रम छोड़ देने की बात कही. जिसके बाद वे कहीं चले गए.
कौन हैं इंजीनियर बाबा
दरअसल, एक समय था जब अभय भारी डिप्रेशन में चले गए थे. उन्हें नींद भी नहीं आती थी. वे सोचने को मजबूर हो गए कि आखिर वे जीवन में कर क्या रहे हैं. इतना ही नहीं वे बचपन से ही घर से भाग जाना चाहते थे. इसलिए वे आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई चले गए और वहां उन्होंने आईआईटी की. एयरोस्पेस की पढ़ाई की और इंजीनियर बने. कनाडा में लाखों रुपये पैकेज पर उन्होंने नौकरी भी मिल गई. लेकिन वे यहां भी परेशान होने लगे. फिर इसी परेशानी ने उन्हें घेर लिया कि वे जीवन में आखिर कर क्या रहे हैं. एक समय ऐसा भी आया कि उनके घरवाले ही उन्हें पागल कहने लगे. हालांकि इससे उन्हें कभी कोई फर्क नहीं पड़ा.
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